सेक्सिस (एक शक्ति कथा)

सेक्सिस (एक शक्ति कथा)

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लक्ष्मी देसाई को मल्टीनेशनल कम्पनी से इंटरव्यू लैटर मिला। आज उसे उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ऐसा लगा मानो जिंदगी की सारी मेहनत सफल हो गयी। पढ़ाई में कम्प्यूटर डिप्लोमा कोर्स पर जो धनराशि खर्च हुई थी, पढ़ाई के लिये जो लोन लिया था मानो सब की भरपायी हो गयी थी, यानि सब वसूल।

यह सोचकर वह खुशी-खुशी इंटरव्यू के लिये तैयार हुई और अपनी माँ से आशीर्वाद लेकर वह इंटरव्यू देने बस द्वारा निकल पड़ी।

इंटरव्यू देने जिस ऑफिस में बुलाया गया था लक्ष्मी वहां सकुशल समय पर पहुँच गयी। वहाँ पहुँच कर उसने देखा कि ऑफिस के बाहर बेंच पड़ी थी जिस पर कई लड़कियाँ बैठी अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं।

कुछ ही देर में इंटरव्यू शुरू हो गया। यह देख लक्ष्मी की धड़कन बढ़ गयी कि पता नहीं मैं इंटरव्यू फेस कर पाऊँगी भी या नहीं। वह यह सोच ही रही थी कि उसने देखा इंटरव्यू रूम से जो लड़कियाँ बाहर निकल रही थी वो रोते हुए निकल रहीं थी। लक्ष्मी ने सोचा शायद ये सेलेक्ट नहीं हो पायीं इसलिये रो रही हैं। भगवान जाने मेरा क्या होगा, तभी लक्ष्मी का नाम पुकारा गया। अपना नम्बर आने पर लक्ष्मी खुश भी थी और घबरायी भी, फिर उसने अपनी पूरी हिम्मत बटोरी और पूरे आत्मविश्वास से ऑफिस में प्रवेश किया।

लक्ष्मी ने देखा बेहद शानदार ऑफिस के आर्म चेयर पर एक ऑफीसर बैठे हैं। ऑफीसर ने लक्ष्मी को नीचे से ऊपर देखा। लक्ष्मी की सुन्दरता और स्लिम बॉडी देख वह वासना भरी नजरों से उसकी तरफ घूरते हुये बोला, लक्ष्मी प्लीज टेक योर सीट। लक्ष्मी को उसके हाव-भाव कुछ ठीक नहीं लगे पर पर वो अफसर के सामने कुर्सी पर बैठ गयी। लक्ष्मी ने अपनी डाक्यूमेन्टस फाइल सामने बैठे ऑफिसर की तरफ बढ़ाते हुये कहा, "सर ये मेरी डाक्यूमेन्टस फाइल। ऑफीसर उसे घूरते हुये बोला, "हाये ! सेक्सिस।"

लक्ष्मी ने कहा, "क्या मतलब" ?

ऑफीसर बोला, "सेक्सिस मतलब.. "पत्थर में छेद करने का औजार.. यानि तुम।" तुम में वो धार है लक्ष्मी जो किसी भी पत्थर दिल में हसरतों की उमंग जगा दे। लक्ष्मी इस से पहले कि कुछ बोल पाती उस से पहले वह ऑफिसर तुरन्त बोला, "तुम बस एक सवाल का जवाब दो और तुम्हारी जॉब पक्की।

लक्ष्मी ने कहा, "जी सर पूछिये ?"

ऑफिसर ने कहा, "ध्यान से सुनो, ये एक स्लोगन है जिसका तुम्हें बस इसकी दूसरी लाइन बना के मेरे कान में धीरे से कह देना है और वह स्लोगन यह है कि "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा।"

लक्ष्मी ने कहा, "सर यह तो देश के महान देशभक्त नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का स्लोगन ही नहीं एक महान आह्नवान भी है और यह तो अपने आप मे पूरा स्लोगन है इसकी दूसरी लाइन और क्या हो सकती है।

ऑफिसर बोला, "नहीं है तो बनाओ जल्दी..."

लक्ष्मी ने कहा,"मैं कैसे बनाऊँ।" ऑफिसर ने कहा, आप बाहर जाओ, बाहर तुम्हे पिंक ड्रैस में मोनिका मिलेगी उससे पूछ कर आओ। मैंने उसे बताया है स्लोगन की दूसरी लाइन क्या कहना है। जब वह बता दे तुम्हें तो तुम वही मेरे कान में आकर कह दो बस, तुम्हारी नौकरी पक्की।

लक्ष्मी बाहर गयी उसने मोनिका नाम की लड़की सेमिलकर पूछा तो उसने लक्ष्मी की कान में कह दिया।

लक्ष्मी सुनकर गुस्से से उबल पड़ी उसने वहाँ बेठी सभी लड़कियों से वहीं बैठे रहने को कहा और कहा, जब मैं आवाज़ दूँ तो आप सब अन्दर आना वो भी सब एक साथ। अब सब आँसू पोंछ लो। लक्ष्मी ऑफिस में पहुँची और ऑफिसर के कान में जाकर कहा, "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूँगा- तुम मुझे जॉब दो... और रुक गई तो ऑफिसर बोला, जानेमन पूरा बोल भी दो न। लक्ष्मी मुस्कुराई और बोली, "आप बोल दो फिर मैं बोल दूँगी। वह ऑफिसर बोला, "बस यही तो आगे कहना है कि "तुम मुझे जॉब दो "मैं तुम्हें जवानी दूँगी।"

इतना सुनना था कि लक्ष्मी ने उस ऑफिसर के कान में एक झन्नाटेदार चाँटा छाप दिया। इस से पहले कि अफसर खुद को संभालता उसने बाहर बैठी लड़कियों को आवाज़ लगा दी कि अब आ जाओ सब।"

सब लड़कियाँ अंदर आयीं और बोलीं, "हम सभी ने इस राक्षस का वीडियो बना लिया है। अफसर डरते हुये बोला, "छोड़ दो मुझे, ये वीडियो डिलीट कर दो प्लीज।" लक्ष्मी ने पूछा, "तुम यह स्लोगन क्यों बनाते हो ?" उसने कहा, "हर स्लोगन की बाट लगाना, हर स्लोगन को अश्लील बनाना मेरी हॉबी है, और उसे सोसल साइट पर वाइरल करना भी मेरी आदत।" लक्ष्मी ने कहा, "शर्म नहीं आती तुमको जिन महान देशभक्तों के कारण आज हम आज़ाद हैं और उनके बहुमूल्य शब्दों को तुम अश्लील बनाकर सोसल साइट पर अपलोड करके सोशल साइट को भी गंदा करते हो।

इस तरह तो, तू इंटरव्यू की आड़ में शोषण कर रहा है और लड़कियों से कहा गर्लस बजा दो इसका एफ एम.. और इसका वीडियो इसके ही पेज पर अपलोड करो जाकर। बताओ इसे और इस जैसे को उसकी औक़ात बता देना हम सब की हॉबी है वह हाथ जोड़कर बोला, लक्ष्मी देसाई मुझे छोड़ दो तुम्हारा नाम देवी के नाम पर है मुझे बख्श दो प्लीज।

लक्ष्मी ने कहा, "मेरा नाम लक्ष्मी देसाई है पर वक्त पड़ने पर मैं लक्ष्मी देसाई से लक्ष्मी बाई भी बन जातीं हूँ समझे मि. हॉबी। अब बोल, "हाय सेक्सिस" पत्थर में छेद करने का औजार, बिल्कुल सही उपमा दी वही औजार अब तुझ पर चल गया। तभी वहाँ पुलिस आ गई और पुलिस ऑफिसर ने उसे खींचते हुये कहा, "तेरी हॉबी सारी दुनिया जान गयी, चल अब जेल में बैठ कर अपने ऊपर स्लोगन बनाने का काम करना।

सभी लड़कियों ने लक्ष्मी को गले से लगा लिया और कहा, "हाय सेक्सिस" और फिर सब एक साथ हँस पड़ीं.....!


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