साथ छूटना भी अच्छा होता है
साथ छूटना भी अच्छा होता है
अमित –हाँ
बेबी –शादी करोगे मुझसे ,प्लीज पक्का बताना ,कोई डिप्लोमेटिक आंसर नहीं
अमित – नहीं
बेबी: ओके
अमित: और कुछ
बेबी-नहीं
अमित-बोलो
बेबी-नहीं
अमित-बोलो ना
बेबी-कुछ नहीं
बेबी-अपना ख्याल रखना बस यहीं बोलूंगी
अमित-अच्छा जी
अमित- लंच कर लिया’
बेबी-किया या नहीं तुमसे मतलब
अमित-अरे
अमित-बिजी हो
बेबी-मुझे कोई बात नहीं करनी।
अमित-क्यों
बेबी-बस ऐसे ही
अमित-शादी के लिए हांबोल देता तो बात करते
बेबी-मुझे अब कोई डिस्कशन नहीं करना ,तुम हां बोलो न बोलो,I dont केयर,बस मुझे message मत करो, नहीं तो हर जगह से ब्लॉक कर दूंगी,
अमित-करूँगा
बेबी-अब तुम्हे मेल पर भी ब्लाक कर दिया है,अब तुम वहां भी मेल नहीं कर सकते।
अमित- pg आ जाऊंगा
बेबी-एड्रेस तुम्हे मालूम नहीं हैं और अगर ऐसा होगा तो pg भी change कर लूँगी और ऑफिस भी।
अमित- मालूम कर लूँगा ,फिर भी आ जाऊंगा।
बेबी-और तुम्हे मुझे ढूंढने की इतनी बेचैनी नही होनी चाहिए।
अमित-क्यों
बेबी-तुम अपनी लाइफ में खुश रहो और मुझे भी रहने दो।
अमित- तुम्हारे बिना नहीं रह सकता
बेबी- रहने दो, ये दिखावे अब मुझे नहीं चाहिए बहुत हो गया अब और नहीं चलो अपना ध्यान रखना।
बस यहीं ख़त्म हुयी एक और कहानी ,इसी रिश्तें को इतना आगे बढाओ ही मत की बाद में वो रिश्ता तकलीफ दे और अगर लाइफ में कोई इन्सान आपके साथ किसी भी रिश्तें को लेकर अगर श्योर हीं है तो उस रिश्तें को वहीँ ख़तम कर देना ठीक होगा। मुझे तो नहीं लगता की यह प्यार हो सकता है, आप ही बताएं क्या यही प्यार है।
