दिल ढूंढता है एक नया सवेरा !
दिल ढूंढता है एक नया सवेरा !
मैं गायब होना चाहती हूं। मैं किसी ऐसे पुराने कमरे में जाना चाहती हूं, जहां मेरी किसी से बात न हो। मैं हर रोज तीनों समय का खाना ऑर्डर करना चाहती हूं। अच्छी किताबें पढना चाहती हूं।फिल्मों का क्रेज मुझे बचपन से रहा है ,लगभग अबतक 500 किताबें पढ़ चुकी हूँ और फिल्म की बात करे तो लगभग 1500 फिल्में देख चुकी हूं,फिल्म देखना इसलिए भी पसंद है क्यूंकि अगर आप किसी फिल्म को दिल से बैठकर देखो तो आप 3 घंटे में उस किरदार को जी लेते हो।मैं हर दिन अपनी ज़िन्दगी अलग जीना चाहती हूं।
घर में तीन भाइयों की इकलौती बहन होने के कारण ज्यादातर गुण और पसंद भाई के जैसे ही हो गए।कभी भी बुलेट और स्पोर्ट्स बाइक के अलावा कभी कुछ पसंद आया हीं नहीं।कार का क्रेज मुझे बहुत ज्यादा है और शौक भी कि एक दिन एक महीने की छुट्टी लेकर दो जूते और कुछ कपडे कार में डालकर ,टैंक फुल करवाओ और निकल जाओ कहीं भी ,बस कोई फिक्स डेस्टिनेशन न हो।।।कई साल हों गये करीब से कभी इत्मीनान से न उगते सूरज को देखा और न हीं डूबते हुए।पहाड़ों के गिरते हुए झरने की आवाज़ मुझे काफी पसंद है और देर रात जंगल में जुगनू के होने का एहसास ,सच में सुकून देता है।
मैं अपने देश के हर कोने में घूमना चाहती हूं,हर एक पल और यूँ कहें हर एक बेहतरीन लम्हे को कैमरे में कैद करना चाहती हूं। कभी रेत पर नंगे पांव चलना चाहती हूं तो कभी बर्फीली जगह पर जाकर आइस –गोला खाना चाहती हूं। अलग – अलग जगहों पर जाकर हर दिन वहां के पोशाक पहनना चाहती हूं ।वहां के लोगों से हर भाषा में बात करना चाहता हूं, लेकिन, हिंदी में बात करना काफी पसंद है मुझे । मैं उनके खान-पान , रहन -सहन सब सीखना चाहती हूं और, लेट नाईट आसमान के नीचे खुले में बैठकर एक अच्छी सी चाय और एक पसंदीदा म्यूजिक सुनना चाहती हूं । स्कूल जाते बच्चों में अपने बचपन को ढूँढना चाहती हूं। कभी जी करता है कहीं दूर गाँव में जाकर किसी घर में गर्म चूल्हे की रोटियां खाऊ और कभी लगता है , कुम्हार के घर जाकर मिट्टी के बर्तन बनाना सिख लूं।मैं कम पैसों में हारने की शर्त लगाना चाहती हूं।
मैं बारिश के दिनों में मिट्टी की खुशबू को महसूस करना चाहती हूं। जब मैं कहीं खुद को कहीं उलझी हुयी महसूस करती हूं तो मैं उदास हो जाती हूं । जब मैं कभी अटक सी जाती हूं और अपमानित महसूस करती हूं तो मुझे ऐसा ही लगता है। क्या रखा है इन पैसे से जहाँ आपके साथ आपके पेरेंट्स न हो ,सुकून की दो वक़्त की रोटी परिवार के साथ बैठकर नहीं खा पा रहे,लेकिन फिर लगता है ,कोई नहीं यार कर लेंगे जो करना है ,जी लेंगे अपनी ज़िन्दगी।मैंने जिंदगी से जितना पाया उससे कहीं अधिक चाहती हूं ।
मैं अलग काम करना चाहती हूं। मैं ऐसा करना चाहती हूं जो मुझे पसंद है। मेरे लिए ज़िन्दगी के मायने बस फॅमिली की ख़ुशी और अपनी ख़ुशी में है और मेरी ख़ुशी अपनी ज़िन्दगी को बहतरीन तरीके से जीने में ,ताकि मैं और ढेर सारी कहानियां अपने ट्रिप की लिख सकूं और मैं ऐसा करके भी फिर से अपने आपको पाना चाहती हूं ।
अभी ज़िन्दगी कुछ ऐसी चीजों में खो गयी है जिसका कोई वजूद ही नहीं लगता ,लगता है बस ऑफिस जाकर जाकर कॉपी लिखो ,बस एक ही रूटीन हर रोज़।असल में जो लिखना चाहती थी लाइफ में वो लिख नहीं पायी। अपनी ज़िन्दगी की ढेर सारी यादें कुछ काफी मजेदार पल थे तो कुछ काफी तकलीफ वाले ,लेकिन उन पलों में मैंने अपनी ज़िन्दगी एक बेहतर तो नहीं बेहतरीन ढंग से जीने को सीख लिया ।जब मैं अटक जाती हूं तो इसी तरह का एहसास होता है।
जैसे सबके लाइफ में कुछ न कुछ कमजोरी होती है वैसे ही मेरी कमजोरी यह है की मैं धोखेबाज़ और मक्कार लोगों को माफ़ नहीं कर सकती ,और यूँ बोले तो दुबारा मौका नही देती किसी को अपना दिल तोड़ने का।नौकरी में, करियर में, रिश्ते में जब कोई आपको अपने पोस्ट और पैसे का घमंड दिखाता है तो गुस्सा तो आता है लेकिन फिर सोचती हूं ।चलो को नहीं ,इससे कहीं बेहतर मेरी ज़िन्दगी है जिसमे हर एक बेहतरीन पल का हिसाब मेरे नोटबुक में लिखा है इस बेवक़ूफ़ के तरह सिर्फ अकाउंट बैलेंस नहीं जमा किये मैंने ,जमा किये है मैंने तो एक बेहतरीन अहसास,बेहतरीन लम्हें और बेहतरीन यादें।लेकिन फिर भी मैं खामोश होकर जोर-जोर से चीखना चाहती हूं और अपने अन्दर के गुस्से को बाहर निकालना चाहती हूं।
