रूहानी इश्क
रूहानी इश्क
आज तो पक्का कॉलेज के लिए देर हो जाएगी मैं भी तो ना जाने उसकी यादों में किस कदर खो गई की पता नही चला कब सवेरा हो गया...?
"हेलो माय डियर मेरा नाम पलक है... हां भाई मैं एस. एस. डी. कॉलेज मैं ही पढ़ती हूं... यार क्या करू ??दो दिन से कॉलेज के लिए लेट हो जाती हूं."
जब से उसकी आवाज रेडियो पे सुनी है तब से तो बस वो ही वो सुनाई देता है...ना जाने क्या जादू है उसमे जो में चाह कर भी उसे नहीं भुला नहीं पाई...
एक काम करती हूं आज कॉलेज की छुट्टी कर लेती हूं कल समय पर आ जाऊंगी..वैसे भी आज कुछ खास लेक्चर नही है...
उसने अपना नंबर भी कल बताया था.. मैने नोट तो किया है..कॉल करू के नही.?
कर ही लेती हूं.. ओ गॉड..बचा लेना, हेलो..आप अंबर बोल रहे है..
जी हां..मेरी जान मैं अंबर ही बोल रहा हूं लेकिन मैंने आपको पहचाना नहीं...ये प्यार से भी मीठी आवाज़ किसकी है...
जी मैं तो आपकी एक छोटी सी फैन पलक बोल रही हूं...आपने मुझे जान क्यूं बोला ....
पलक की बात सुनकर अंबर हस पड़ता है..और कहता है देखो पलक..
ये तो मेरी आदत में शामिल हो चुका है...रेडियो जॉकी हूं ना तो फ्लो फ्लो में निकल जाता है...लेकिन तुमने बताया नही कॉल क्यूं किया ?...
पलक ने भी आव देखा न ताव और झट से अंबर से कह दिया..अगर आपको बुरा न लगे तो एक बात कहनी थी...
अंबर पलक से कहता है...अरे तुम बेफिक्र होकर कह दो अंबर को किसी बात का बुरा नही लगता...ऊपर से तुम मेरी फैन हो मरना है क्या फैन को नाराज करके...
पलक कहती है..अंबर जब से मैं तुम्हे सुना है मेरी तो रातों की नींद उड़ गई .. देखो ना इसी चक्कर में मैं आज फिर कॉलेज के लिए लेट हो गई ...
आपकी आवाज में जादू है...मुझे आपकी आवाज़ से इश्क हो गया है शायद...
अरे.. अरे..ये क्या कह रही हो...इतनी जल्दी वो भी इश्क , मेरी जान ये इश्क नहीं बस एक आकर्षण है..
जिस उम्र में तुम हो इस उम्र में अक्सर ऐसा हो जाता है..क्युकी जो तुम सुनना चाहती हो वो मैं अपनी आवाज़ में तुम तक पहुंचाता हूं...
तुम ही नही सारा युवा वर्ग, यहां तक बड़ी उम्र वाले भी मुझे सुनना पसंद करते है...और ये मेरी सबसे बड़ी कमाई है..
तभी पलक अंबर की बात बीच में काटते हुए कहती है..लेकिन सच में मुझे नींद में भी तुम्हारी आवाज के ही सपने आते है...
अंबर प्यार से पलक को समझाते हुए कहता है तुम मुझसे क्या चाहती हो..तुम्हारी खुशी के लिए जो हो सकेगा करूंगा...तुम सच में मेरी जान हो ...
अंबर के पास बाते करने में महारत हासिल थी..पत्थर को भी पल में पिघला देने वाले शब्द का भंडार..और दिल का भी एक दम सोना...
तभी पलक उसके इश्क में गिरफ्तार होती जा रही थी..और आज उससे फोन पर बात करके तो उसकी बेकरारी और भी बढ़ गई....
अंबर क्या में तुमसे फोन पर बात कर सकती हूं अगर तुम्हे कोई दिक्कत न हो तो..?
अरे ... हां मेरी जिंदगी बिल्कुल जब दिल चाहे तब एक रिंग में पिक करूंगा तुम्हारा फोन..बस शाम सात से पहले...
पलक खुशी से उछल पड़ती है..और अंबर को आई लव यू बोल देती है...
सामने से जवाब आता है.. आई लव यू टू मेरी जान...
अब तो पलक को ये विश्वास हो जाता है की अंबर भी उसे पसंद करने लगा...
जारी...