रोशनी
रोशनी
होली के रंग बदरंग भी हो सकते हैं किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था । एक तरफा मुहब्बत ने जुनून में आकर रोशनी के आधे चेहरे को तेज़ाब से विकृत कर दिया ।
होली मिलन के दौरान साथी कलाकार ने ऐसा रंग उंडेला कि चीख पुकार, भागम भाग में रंग बिरंगी होली काले अध्याय के रूप में उसका पीछा करती रही । एक बार तो लगा कि उसका जीवन अंधकारमय हो चला था । मगर गले की सरस्वती ने उसपर कृपा दृष्टि बनाए रखी । संगीत एक साधना का सफ़र उसका ध्येय था और हर घर की देहरी पर एक दीया सात सुरों का संदेश दे रोशनी का एक मात्र लक्ष्य । फिर कोई हारी हुई मोहब्बत किसी और का जीवन बर्बाद न करे इसलिए एसिड बर्न पीड़ितों को स्वावलंबी बनाने, उनका इलाज़ उपचार, विधिक उपचार देने का काम रोशनी द्वारा अनेक जिलों में सफलतापूर्वक संचालित है । अब हर होली पर बहुत बड़ा गीत संगीत का आयोजन होता है जहां सामाजिक समरसता , सौहार्द्रता, वासुदेव कुटुंबकम का सकारात्मक संदेश दिया जाता है ।
