ASHWANI KUMAR SRIVASTAVA

Classics

4.3  

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रामराज्य - राम के आदर्शों को अनुकरण करना

रामराज्य - राम के आदर्शों को अनुकरण करना

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अक्सर हम बात करते हैं कि रामराज्य तो रामराज्य है क्या ?

राम हमारे संस्कृति के आधार बिंदु, मर्यादा के पुजक, भाई के प्रति प्रेम तथा अपने सभी कर्तव्य के प्रति निष्ठावान कुछ ऐसे हैं मेरे और हमसब के राम। राम के बारे में कुछ या बहुत कुछ लिखना असंभव है क्योकि राम तो राम है। बस केवल हम राम के दिखाये पथ पर ही चलने का प्रयास ही कर सकते है तब शायद ही हम सब राम को समझ सकते हैं अन्यथा मानव के लिए संभव नहीं है। 

क्योकि राम तो पुरूसार्थ के महान तपव्यशी , वाणी तो शहद जैसी , ए्क महान आज्ञा पालक और सब के लिए प्रेम इन्हीं आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना ही रामराज्य ही तो है।

और हम राम राज्य की केवल कल्पना ही करते रहते हैं कि कब आयेगा।

राम तो यहीं हैं रामराज्य भी यहीं हैं

राम राम जै राजा राम राम राम जै सीता राम।


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