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Anchal Patidar

Action Inspirational Others

4  

Anchal Patidar

Action Inspirational Others

परीक्षा की घड़ी

परीक्षा की घड़ी

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परीक्षा की घड़ी दीवार पर टंगी रह गई,

उम्मीद की चादर भी हल्की सी ढकी रह गई।

सपनों का भार उठाए थे कंधों पर सभी,

पर मंज़िल की राह कहीं धुंधली सी दिखी रह गई।


किताबों के पन्ने सवालों से भरे रह गए,

जवाबों के इंतज़ार में स्टूडेंट्स ठहरे रह गए।

शिक्षा की रौशनी कुछ दूर ही जल पाई,

और अंधेरे में ख्वाबों के दिए बुझते रह गए।


टीचर की आवाज़ क्लास से उठकर चली गई,

उनकी हर सीख दिल में कहीं गूंजती रह गई।

कुर्सी, टेबल और फार्मूले सब गवाह बने,

कि मेहनत और लगन का किस्सा अधूरा रह गई।


पर हार न मानो, ये सफर आसान नहीं,

ख्वाबों को पूरा करने का अरमान नहीं।

चलो, अब जुट जाएं फिर से उस राह पर,

जहां मेहनत के दीप जलाने का इंतज़ार नहीं।



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