तक़दीर के मोड़
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भाग 1: पहला इत्तफाक
वहीदा और आरव की पहली मुलाकात बारिश की एक शाम में हुई थी। मुंबई की तंग गलियों में भागते हुए वहीदा अचानक एक स्कूटी से टकरा गई। स्कूटी पर सवार आरव ने उसे संभालते हुए कहा,
"आप ठीक हैं?"
वहीदा झेंप गई, "हाँ, बस फिसल गई थी।"
आरव हँस पड़ा, "अच्छा हुआ कि आपने मेरी स्कूटी नहीं गिराई, वरना मेरा भी एक्सीडेंट हो जाता।"
वो छोटी-सी मुलाकात, जो बस एक टकराव से शुरू हुई थी, अगले कुछ महीनों में दोस्ती में बदल गई। लेकिन प्यार की राह कभी सीधी नहीं होती…

