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परी फिर मुस्कुराओ ना!

परी फिर मुस्कुराओ ना!

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फार्मास्यूटिकल्स की सेमिनार से आने के बाद आज पाँचवा दिन था। समर रोज गार्डन आ रहा था। बाहर से आते जाते हर बच्चे के साथ उसकी निगाहें उठतीं, फिर निराश होतीं। समर खुद से ही बातें करने लगा। परी कहाँ हो, आओ ना। जानती हो न मेरी एंजेल, तुम्हारे सिवा कोई नहीं मेरी जिंदगी में, जिसके साथ मैं दिल की बातें कर सकूं। जानती हो ना परी सात साल का था, जब मेरा और पापा का एक्सीडेंट हुआ था, मैं बच गया था, पर पापा नहीं बचें…। उस वक्त मेरी बहन सिर्फ दो साल की थी, फिर पन्द्रह का हुआ, तब मां भी बहुत बीमार हुईं, और मर गई। क्योंकि पैसे नहीं थे हमारे पास। फिर पैसा कमाना मेरा जुनून बन गया था, गलत तरीकों से भी। मैं ही बहन दिया का, मां-पापा सब बन गया था। फार्मास्यूटिकल कंपनी का मालिक भी बन गया था। बहन शादी करके यू.एस. चली गई। एक्सीडेंट में मुझे ऐसी मार लगी थी कि मेरी अपनी बेटी कभी नहीं होगी। तुम मुझे मेरी बेटी सी लगती हो।

परी आओ न, फिर घुमाओ अपनी जादुई बातों की छड़ी। जानती हो ना, जब तुम साथ होती हो तो मेरा पूरा अंतस ओस से नहा जाता है। तुम्हारे साथ मैं फिर अपने उस बचपन को जीने लगता हूँ, जो नियति ने मुझे नहीं जीने दिया। बताओ ना, आज तुम्हारी मम्मा ने क्या खिलाया तुम्हें। पापा तो तुम्हारे भी नहीं, पर मम्मा ही, तुम्हें सचमुच परी जैसे रखती हैं। परी प्लीज आओ ना बाबू…।

आखिरकर बेचैन समर बस्ती की ओर चल दिया था – उसे परी की दोस्त सना दिखी – उसका चेहरा खिल गया। सना…बेटे आप लोग गार्डन क्यों नहीं आते? परी कहाँ है?

अंकल मैं आज ही मामू के घर से आई हूँ ।

और परी…

अम्मी कहती हैं, मरने वाली है परी…

क्या छनाक-छनाक-छनाक कुछ टूटा, किरमिचें चुभी समर के भीतर। मुझे परी के पास ले चलो ना।

छोटा सा सलीकेदार घर --

आंटी ये अंकल परी से मिलने आए है।

समर ने हाथ जोड़े, परी की मम्मा कीआँखों में आंसू भरे थे, उन्होंने पलंग की ओर इशारा किया।

परी-परी समर दौड़ा।

परी की ऑंखें खुलीं, बीमार खुशी उनमें कौंधी।

आप परी के समर अंकल हैं ना – बहुत बातें करती है आपकी।

जी... पर... क्या हुआ मेरी परी को ?

नकली दवा –

क्या –

हां – गलत दवा के कारण।

आ...पने शिकायत...

शिकायत... कहाँ करूं, किससे करूं, अगर पैसे होते, तो पहले अपनी बच्ची को बचाती नहीं? यूं तिलतिल मरते...।

आगे के शब्द हिचकियों में दब गए।

वो दवा दिखाएंगी आप –

विस्फोट हुआ समर के भीतर...

यह तो उसकी अपनी कंपनी की दवा है। मेरी कंपनी में नकली दवा बन रही है!

उसका सिर चकराने लगा... सोचा मेरी लापरवाही के कारण आज मेरी नन्हीं दोस्त। कितनी परी सी कलियाँ खिलने के पहले ही – उफ्! नहीं बनाने दूंगा किसीको अब गलत दवा चाहे कुछ भी करना पड़े। परी वादा है तुमसे।

एंबूलेंस में समर का हाथ परी के माथे पर था... नहीं मरने दूंगा बच्चे तुम्हें। मेरी नन्हीं दोस्ती एक बार फिर मुस्कुराओ ना…. परी फिर मुस्कुराओ ना..-


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