फर्ज
फर्ज
"दीदी तुम्हें कितनी बार समझाया था बहू के साथ बुरा व्यवहार मत किया करो, बहु के साथ जितने प्यार से पेश आओगे उतना ही अच्छा बुरे वक्त में वही काम आएगी पर तुम सुनती ही नहीं थी। उसके हर काम में मीन मेख निकालना छोटी छोटी चीजों के लिए उसे प्रताड़ित करना यहां तक जब गर्भवती हुई तो उसकी सेवा कौन करेगा सोचकर उसे मायके भेजा।अब तुम गिर गई हो तुम्हारी कमर की हड्डी टूट गई है छै महीने तुम्हें बिस्तर पर रहना है मुझे बहुत चिंता हो रही है तुम्हारी सेवा कौन करेगा ?" छोटी बहन को अस्पताल में देखनी आई बड़ी बहन को चिंता करते देख बहू बोली--
"मांजी अपना फर्ज भूल गई थी तो क्या आप चिंता मत कीजिए मांजी की सेवा करना मेरा फर्ज है किसी प्रकार का शिकायत का मौका नहीं दूंगी।"
अस्पताल के बिस्तर में पड़ी सासू मां का मन आत्मग्लानि से भर उठा।
