पहला प्यार
पहला प्यार
कमसिन उम्र की कच्ची मोड़ पर
बचकानी हरकतें कब प्यार में पड़ी थी
पता ही चला नही।
बचपन का प्यार था, पहली पहली बार था।
बस इतना ही लगता, कि हमेशा उसीसे
बाते हो और मुलाकाते हों।
न सहेलियों की संगत भाती, न पाठशाला
की किताबें।
सराबोर सा मन था सिर्फ उसकी ही नशा में।
बचपन का प्यार था, पहली पहली बार था।
उड़ता फिरता मन आकाश के उन
नीले सफेद बदलो में कहीं।
रहकर जमीन पे, उड़ा मैं करती थी।
ताने जैसे लगते नसीहते सभी के।
बचपन का प्यार था, पहली पहली बार था।
मुँह मोड़ लिया था घरवालों से मैंने।
अब तो सपनों की डगरी में
सफेद घोड़ो के गाड़ी में
करती मैं सफर सिर्फ अपने प्यार के संग।
बचपन का प्यार था, पहली पहली बार था।
न जानती थी एक मोड़ ऐसा भी आएगा
जब वही प्यार भरा प्रियतम मुझसे भिचड़
भी जाएगा,
चला गया वो विदेश अपने
बचपन सपनो को तोड़
छोड़ मुझे तन्हा......
अपने सपनो को साकार बनाने....
बचपन का प्यार था, पहली पहली बार था।
समझ ही नही पाई की मैं लूट गई थी या
फिर लूटा गया था मेरे भोलेपन को ?
बचपन का प्यार था, पहली पहली बार था।
बचपन का प्यार था, पहली पहली बार था।
