महकता फूल
महकता फूल
वसंत ऋतु सब जगह पर छाई हुई थी। मिस्टर डीसूज़ा अपनी पत्नी के साथ चर्च आए हुए थे। तभी उन्होंने देखा कि वहां एक लड़की अपने हाथ में रंगबिरंगे फूल लेकर खड़ी है उन्होंने उस लड़की से पूछा "फूल बेचोगी", उस लड़की ने कहा " जी हाँ " तभी उन्होंने उससे कुछ फूलों को खरीद लिया और कुछ सोचने लगे। फिर अपनी पत्नी के साथ चर्च में प्रार्थना कर वह से निकले। अगले दिन जब वे अपने पाठशाला में गए तो वहाँ श्रीमती शीरीन से उनकी मुलाकात हो गई और मिस्टर डिसूज़ा ने उनसे कल चर्च के बाहर खड़ी उस लड़की के बारे में बताते हुए कहा वो लड़की आप जैसी ही दिखती थी फर्क इतना ही है कि आप थोड़े गोरे है और वह थोड़ी सी सांवली ।
यह सुनते ही श्रीमती शीरीन बोली चलो अपनी शक्ल किसी से तो मिलती जुलती है, खास कर चर्च के बाहर खड़ी फूल बेचती उस लड़की से जो खुद फूल बेचती तो है जिससे उसके हाथ तो महकते ही है ,साथ में वह खरीदार के हाथों को महक कर आखिर में उस परम पिता को भी महका देती है।
यह सुनकर मिस्टर डिसूजा हतबुद्धित हो उनको देखते घंटों कुछ सोचते रह गए।