पाती

पाती

2 mins
531


आज फिर उसी जगह बैठ कर मैं इंतज़ार कर रही हूँ तुम्हारा, शायद तुम आओ...? ज़ेहन में हजारों सवाल और कुछ जवाबों का आदान-प्रदान चल रहा है स्वयं से आज। क्योंकि तुम नहीं हो मेरे आस पास...! क्या करूँ? क्या न करूँ? दिलों दिमाग चाह कर भी तुम्हारी छवि को और यादों को बार-बार आने से नहीं रोक पा रही है।

तुम्हारी हर पल आ रही याद से आँखें नम हो जाती हैं, निकल पड़ते हैं आँसू पर क्या करूँ..?

याद आते हैं वो गुजरे पल, जब जहाँ मेरे बुलाने पर तुम आ जाया करते थे और तुम्हारे बुलाने पर मैं भी आ जाती। वो अहसास, वो अनुभूति, वो साथ, वो प्रेम...अब भी दिख जाता है मेरी आँखों में, बातों में, झिझक में मेरे शब्दों में भी, क्योंकि अब भी दिल में हो तो इक याद के साथ..अब भी कुछ तो बाकी है। मुझे परेशान करता है तुम्हारे बिन कुछ कहे मुझसे दूर चले जाना, मुझसे दूर हो जाना। अब हवा की हर सरसराहट के साथ तुम्हारी आहट, न परछाई, मेरे सवालों के जवाब देने के लिए तुम खुद ही यहाँ नहीं हो।

क्या प्रेम महज एक आकर्षण है। जो कुछ दिनों की बातों-मुलाकातों में खत्म भी हो सकती है ?

क्या था वो ? प्रेम, दोस्ती या कुछ और...?

जानते हो तुम आज भी तुम्हारी याद आती है तो ह्रदय की उथल-पुथल बंद नहीं होती पर इतने दिनों की खामोशी जो तुम्हारे चेहरे पर दिख पड़ती है, यह सहन भी नहीं होती।

तुमने जो ज़ख्म दिया है वो कभी भर न सकेगा। जानती हूँ तुम मेरे नहीं हो। घाव बहुत गहरा है बस बहुत हो चुका,अब मैं अकेले ही ठीक हूँ। जा रही हूँ तुम्हारी जिंदगी से हमेशा-हमेशा के लिये जा रही हूँ...तुम्हारी अनमोल यादों को समेटे.....अलविदा.....


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama