डरकर नही डटकर सामना करे
डरकर नही डटकर सामना करे
मानव आज मानव से कहता,
मानवता का धर्म निभा लो
जिंदगी हर हाल में एक खूबसूरत अहसास है।
पर वर्तमान समय में इस अनमोल उपहार पर एक खतरा मंडरा रहा है।जिसका सामना हम सब मिलकर करेंगे....आज कोरोना के डर से समस्त मानव भयकंपित हैं,बावजूद इसके जिंदगी अपनी रफ्तार से चल रही हैं।हाँ एक डर जरूर कायम हैं और यही डर एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य से जोड़ रहा।कोरोना नामक यह विपत्ति सिर्फ आपकी व हमारी नही बल्कि पूरे मानव पर खतरा बनकर मंडरा रहा हैं।ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता हैं कि हम अपने देश में तय किये गए आदेशों का पालन करें।
देश का हर नागरिक एक योद्धा की भूमिका में है,और इस कर्तव्य का पालन हम जरूर करेंगे
.....अन्यथा जीवन समाप्त होने में देरी ना होगी..जिंदगी अनमोल हैं व उसकी रक्षा ही हमारा पहला धर्म हैं।बस मैं इतना ही कहना चाहती हूँ ''मानव आज मानव से कहता,मानवता का धर्म निभा लो।"
