पागल हूं मैं
पागल हूं मैं


पल पल इंतजार रहती हैं तेरी। मोबाइल की और बिना पलके झपकाए बैठा रहता हूं, कब तेरा फोन आयेगा। रात से दिन हो गई, दिन से शाम हो गया पर तेरा फोन नहीं आया। WhatsApp का last seen भी परसों दिखा रहा है। पता नहीं यार क्या हो गया इस लड़की को। दो दिनों से इसका अता पता नहीं है। फोन करता हूं तो कोई recieve नहीं करता। दोस्तों से पूछा तो कहने लगे कि मैं पागल हूं। उसके घर गया तो घर के बाहर ताला लगा हुआ था। घर के बाहर से फोन किया, अंदर फोन तो बज रहा था मगर कोई recieve नहीं कर रहा था। दरवाज़ा खटखटाया मगर अंदर से कोई आवाज़ नहीं आयी। हर गली, हर चौराहे पे उसे छान मारा लेकिन तू नहीं मिली।
पागल हूं मैं भी, कल ही तो तेरे कब्र पें गुलाब का फूल चढ़ा के आया था।