नई सोच
नई सोच
रजनी के पिता रेलवे विभाग में उच्च पदीय आफीसर थे। अपने पद की गरिमा के अनुसार उन्होंने अपनी बेटी का रिश्ता में वित्त मंत्रालय के सचिव पद पर कार्य रत श्रीमान अतुल के बेटे डाँ विपुल से तय कर दी जो भारतीय आयुर्विज्ञान अस्पताल सर्जरी विभाग में सेवारत था ।दोनों का विवाह बडे ही धूमधाम के साथ किया गया, पर सर्वशक्तिमान ईश्वर के विधान में कुछ और था, विवाह के छः या सात महीने ही बीते थे, डाँ0 विपुल का हार्ट अटेक से मृत्यु हो गई। रजनी पर तो जैसे दुःख का पहाड़ टूट पड़ा। सास ससुर दोनों खुले विचार वाले व्यक्ति थे, उनकी सोच रूढ़िवादी रिवाज से बिलकुल अलग थी। अपने बेटे की दाह क्रिया सम्पन्न करने के पश्चात वे अपनी शोक संतप्त बहू को सांत्वना देते, धैर्य बँधाते और अपनी विधवा बहू रजनी को समझाते कि अगर हम लोगों को अपने बेटे के बारे में यह पता होता कि वह तुमको इस तरह धोखा देकर दुनिया से चल देगा तो हम विवाह न करते । वह हम लोगों को भी बड़ा धोखा देकर संसार से चला गया । उसकी पत्नी के नाते तुम हम दोनों की बहू थी अब वह नहीं, तो तुम इस घर की बहू नहीं रही, हम दोनों की बेटी की तरह हो गई हो । इसलिए हमारी बेटी हो जाने के नाते हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम दोनों भी तुम्हारे दूसरे विवाह में अपना हाथ बटायें I
अब तो रजनी अपने पिता के घर आ गई। उसे देखकर उसके पिता अवसाद में आ गये, अब क्या करें क्या न करें? सोचने लगे। रजनी के ससुर ने उसके पिता से कहा, बेटी रजनी का रिश्ता तो आप ढूंढो, पर आपके साथ हम दोनों भी उसका कन्यादान करेंगे। अब पिता उसके लिए यथायोग्य वर खोजना शुरू कर दिये I कुछ समयांतराल पर रजनी के पिता ने बेटी के लिए रिश्ता खोजा। उसके विवाह में उन सास ससुर को आमंत्रित किया गया। विवाह के सारी विवाह की रस्म में उन्होंने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और कन्यादान में सास ससुर दोनों ने रजनी पैर पूजे और सारा दहेज का सामान उसको वापस कर दिया ।इस रस्म -रिवाज को करते समय उन दोनों को अपने स्वर्गीय बेटे की बहुत याद आयी। इस रस्म को निभाने के बाद वे दोनों पति पत्नी अपने कमरे आये और फूट फूट कर रोये। बेटी की तरफ के रिश्तेदारों ने जब यह दृश्य देखा तो माहौल गमगीन हो गया Iदूसरे दिन विदाई के समय वे रजनी के पास आये और बोले, बेटी हमारे ऊपर तुम्हारा जो कर्ज लदा है, उससे उद्धार कर दो। हम दोनों बहुत दोषी हैं।
अब तो यह शब्द सुन फिर तीनों लिपट कर रोने लगे और नम आँखों से रजनी ने उनसे विदा माँगी और अपने ससुराल चली गई I
