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नारी सम्मान

नारी सम्मान

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"रुपाली बेटा, क्यो रो रही है जाने दे जो हुआ है उसका अफसोस नहीं किया करते है"माँ रुपाली को समझाती हुई बोली, लेकिन रुपाली तो लगातार आसूँ बहा रही थी वह अपने कमरे में बैठी थी विछावन पर और माँ वही पास में बैठी हुई उसे मना रही थी

दरअसल बात यह हुई थी की रुपाली प्रतिदिन की तरह आज भी कॉलेज से अपनी सहेलियों के साथ पढ़ाई खत्म करके घर लौट रही थी तभी रास्ते में चार लड़कें रुपाली को कुछ गलत कमेंट्स कर दिए, लेकिन रुपाली बेचारी क्या करती?चुपचाप नीची निगाहें करके घर की तरफ जाना ही मुनासिब समझी क्या सबक सिखाए उन बतमीज लड़कों को जो लड़कियों को सम्मान देना नहीं जानते घर आने पर उसने माँ को सारी बातें बताई और तभी से रोना शुरू कर दिया

इसी बीच उसका भाई वरुण आया वरुण भी तो उन्हीं बतमीज लड़कों जैसा था जो किसी लड़की पर गलत कमेंट्स करता रहता था कई बार शिकायतें उसकी घर पर भी आ गई थी और इसी कारण वरुण के पिताजी उससे बातचीत नही करते थे जब वरुण ने रुपाली को रोते हुए देखा तो माँ व्यंग भाषा में बोली"क्यों वरुण अब क्या करोगे?तुम उन लड़कों का, जिन्होंने तुम्हारी बह

न पर गलत कमेंट्स किये हैं जाओ उन्हें इनाम दो ना!क्योंकि वे भी तो तुम्हारे नक्शे कदम पर चल रहे हैं"वरुण चुपचाप सुनता रहा उसने रुपाली की तरफ देखा, तो उसका चेहरा उदास था कुछ सोचती हुई मालूम पड़ रही थी वह

वरुण को आज बहुत ही पछतावा हो रहा था आज उसे समझ में आया की वास्तव में लड़कियों को सम्मान देना क्या चीज होती है ?अतः वह अपनी बहन के पास जाकर बैठ गया और रुआँसा होकर बोला"रुपाली, मुझे माफ कर दो, मैं वास्तव में यह भूल गया था की जब मैं किसी दूसरों की बहन के साथ छेड़छाड़ कर रहा हूँ, तो कोई दूसरा भी......"इतना कहकर वह रोने लगा

माँ वहाँ खड़ा होकर यह सारा दृश्य देख रही थी अतः वह वरुण के माथे पर हाथ रखकर बोली"बेटा, एक बात याद रखना हर लड़की की इज्जत होती हैं चाहे वो किसी भी जाति, धर्म, या उम्र की हो अतः हमें नारी-सुरक्षा और सम्मान का हमेशा ध्यान रखना चाहिए, अतः जो हुआ, उसे तुम दोनों भूल जाओ"और इतना कहकर माँ के चेहरे पर मुस्कान आ गई, क्योंकि वह जानती थी की इस घटना के बाद उसका बेटा वरुण अब कभी भी गलत हरकत किसी भी लड़की या औरत के साथ नहीं करेगा।


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