नागपंचमी
नागपंचमी


आज नाग पंचमी है। यह उत्तर भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। यह श्रावण मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इसमें मुख्यतः नागदेवता और पशुपति शिव की पूजा की जाती है। नागदेवता को दूध और धान का लावा (खील) चढ़ाया जाता है। यह प्रकृति के प्रति सनातन धर्मावलंबियों का एक कृतज्ञता ज्ञापन है। नाग फसलों के लिए हानिकारक जीवों (चूहों) को खाकर किसान कि सहयोग करते हैं बदले में कृतज्ञतास्वरूप पूजा।
प्राचीन काल में मनुष्यों की कई जातियाँ थींं जैसे सुर, मानव, दानव, गन्धर्व, नाग, वानर, राक्षस इत्यादि। नाग जाति के लोग भूमिगत घरों,नदियों-समुद्रों के किनारे की कन्दराओं आदि में रहा करते थे। सर्प (नाग) उनके कुलदेवता और प्रतीक हुआ करते थे। नाग पंचमी के दिन सम्भवतः मनुष्य और नागों के बीच कोई संधि कोई सम्बंध हुआ होगा जिसके स्मृतिस्वरूप नागपूजा और नागपंचमी प्रचलित हुई।
अन्त में नागपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं ।