मुरारी तिवारी
मुरारी तिवारी
देवलोक में देव देवताओं में एक ही चर्चा थी कि पृथ्वीलोक में आजकल इंसान व्हाट्सप नामक ऐप का प्रयोग कर रहा है। आजकल सब प्रार्थना,उत्सव, त्योहार, भगवान देवी देवताओ की तस्वीर ओर कहानियां भी इंसान इसी ऐप से श्येर कर रहा है । उनको भी उत्सुक्ता जागी की इसका उपयोग देवलोक में हो ।
सब देव मिलकर ब्रह्मा जी के पास पोहचे ओर मांग की देवलोक में भी व्हाट्सप का प्रयोग हो । ब्रह्मा ने समझया की आप देव है ये सब इंसानी चीजों से कही ऊपर। पर देवों को असहमत देख उन्होंने कहा कि वो कोई हल निकालते है। उन्होंने भगवान विष्णु ओर भोले शंकर से बैठक की ओर देवताओं की इस माँग का जिक्र किया । ब्रह्म जी की तरह बाकी दोनों को भी ये अटपटा लगा । पर विष्णु जी ने कहा इसको हमें ऐसे नही नकारना चाइये। एक बार इसका उपयोग करके ही देवताओ को इसका सही मूल्य पता चलेगा ।
विष्णु जी ने नारद मुनी को बुला लिया। नारद मुनी को एक व्हाट्सप ग्रुप बनाने के लिये कहा गया । ओर उस ग्रुप में सब देव देवताओ को ऐड करने की जिम्मेदारी दे दी ।नारद मुनी भी अपने काम मे जुट गए ओर उन्होंने एक व्हाट्सप ग्रुप देवलोक बना डाला ओर सब देवताओं को ऐड कर दिया । ये सब करते करते उनके मन मे एक शरारत सूझी की क्यों ना इस ग्रुप में किसी इंसान को भी ऐड कर दिया जाए।
बहुत ढूढ़ने के बाद उनको एक व्यक्ति जिसका नाम मुरारी तिवारी था को ऐड कर दिया। मुरारी जी व्हाट्सप के चैंपियन थे। वो ना जाने कितने ही ग्रुप्स के एडमिन थे। दिन भर उनका वक़्त व्हाट्सप पर ही गुजरता, हर विषय के वो ज्ञानी थे।
देवलोक के सभी देवताओ व्हाट्सप पाकर बहुत खुश थे । धीरे धीरे सब देव ग्रुप में कुछ ना कुछ फार्वड करने लगे। मुरारी तिवारी को ये ग्रुप कुछ अजीब लगा। पर उसने सोचा कि वो इतना पॉपुलर आदमी ही इसलिय वो भी इस ग्रुप का हिस्सा है। कुछ समय बाद उसको ये समझ आ गया कि ये देवलोक का ग्रुप है। ओर वो भी किसी देवता से कम नही है । बस फिर क्या था वो भी दिन रात देवलोक ग्रुप में कुछ ना कुछ लिखने लगा । बहुत सारे देवताओं को उसकी बातें विचित्र लगने लगी ओर कोई उसे पहचानता भी नही था । पर देवों ने उसके नाम मुरारी से समझा कि शायद भगवान कृष्ण के कोई अवतार रूपी देव हो । समय बीतता गया मुरारी तिवारी अपनी फूल फोरम में आ गए । उन्होंने ग्रुप में छोटे मोठे झगड़े करवाने शुरू कर दिए। देवलोक के प्रमुख देवों के कामकाज को लेकर सवाल उठा दिए । एक दिन तो हद तब हो गई कि जब उसने इंदर देवता पर ही सवाल उठा दिया ।
इंद्र देव बहुत नाराज हुए ओर उन्होंने इसकी शिकायत भगवान विष्णु से कर दी । भगवान विष्णु ने कहा मैने तो पहले ही इस इंसानी ऐप को मना किया था । पर आप इसके बारे में नारद जी से बात करें वो ही एडमिन है । इंद्र देव ने जब नारद मुनी से बात की तो उन्हें पता चला कि मुरारी तो एक इंसान है । उन्होंने फौरन उसे हटाने की मांग की। नारद मुनी ने भी ऐसा ही किया ओर मुरारी तिवारी को ग्रुप से इजेक्ट कर दिया ।
अब तक मुरारी तिवारी की जान पहचान कई देवताओ से हो गयी थी । उसने सोचा कि वो भी एक देवता है ओर क्यों ना वो भी इंद्र को हटा कर खुद ही नया इंद्र बन जाए । उसने जुगाड़ ढूंढा और एक देवता की मदद से भोले शंकर से मुलाकात कर उनसे इंद्र देवता ओर नारद मुनि की शिकायत लाग दी । शकर भगवान भी भोले ठहरे । उन्होंने मुरारी तिवारी को कुछ हल निकालने का वादा किया । ओर उसको देवलोक के ग्रुप में दुबारा ऐड करवा दिया
पर जब ये लडाई झगड़े दुबारा होने लगे तो फिर कुछ दिनों में ब्रह्मा, विष्णु ओर शंकर भगवान की मुलाकात हुई । सब में सहमती हुई कि इस व्हाट्सप को देवलोक से हटाया जाए । पर शंकर भगवान बोले मेने तो मुरारी तिवारी को अश्वासन दिया है उसको जबदर्दस्ती नही हटा सकते । नारद मुनी को बुलाया गया । ओर उनसे कहा गया पहले तो ये मुरारी तिवारी ग्रुप खुद छोड़े ओर उसके बाद ये व्हाट्सप ग्रुप देवलोक डिलीट कर दे ।
नारद मुनी भी मुरारी तिवारी के पास जा पहुँचे ओर उसको बोला कि गलती से उसे देवलोक ग्रुप में ऐड कर दिया था । अब वो खुद ही ये ग्रुप छोड़े दे। पर मुरारी तिवारी जो अब तक इंद्र बनने का ख्वाब देख रहा था ऐसा करने से मना करने लगा। नारद मुनी भी असमंजस में पड़ गए करे तो क्या करें । उन्हें एक तरकीब सुझी , वो बोले कि इस ग्रुप में बने रहने के लिये उसको धरती छोड़कर स्वर्गवासी बनाना पड़ेगा । मुरारी तिवारी आखिर था तो इंसान ही वो ये सोचकर डर गया की स्वर्ग का वासी बनने के लिये उसको मरना पड़ेगा।
उसने चालकी से नारद मुनी से कहा कि वो ग्रुप छोड़ देगा पर नारद मुनी को उसकी एक बात माननी पड़ेगी । नारद मुनी ने भी हामी भर दी । मुरारी तिवारी बोला भगवन इस युग का नाम बदलकर मुरारी युग कर दिया जाए । जिससे धरती पर लोग मुझे देवी देवता की तरह माने ओर पूजा करें । नारद मुनी ये सुनकर मन ही मन मुस्कुराये ओर बोले अभी तो कलयुग चल रहा है पर इसके बाद मुरारी युग चलेगा । ये सुनते ही मुरारी ने देवलोक ग्रुप को छोड़े दिया ओर नारद मुनी ने भी फटाफट व्हाट्सप ग्रुप डिलीट कर दिया। उन्होंने मुरारी के सर पर हाथ रखा ओर वहां से चले गए ।
मुरारी नारद मुनी के हाथ रखते ही ये सारी घटना भूल गया बस एक ही बात याद रह गई कि जल्द ही मुरारी युग आएगा ओर आज भी उसको इसका इंतज़ार है।