मतलबी दोस्त
मतलबी दोस्त
अनामिका का आज पहला दिन था ऑफिस मे, सहभागी कर्मचारी से रूबरू होने के बाद, वह काम मे लग गयी पहले दिन सब अच्छे बने थे कुछ कर्मचारियों से मित्रता भी हुई और वह सब पर भरोसा भी करने लगी, अनामिका स्वाभाव से अच्छी थी
इसलिए सहभागी कर्मचारियों के बातो मे आ गयी इस बात से अनजान के ऋतू और शिप्रा उसके किये काम को कॉपी कर बॉस को पहले दिखा देते या उसकी प्रोजेक्ट्स की फ़ाइल चुरा लेते !
और उसके पीठ पीछे मैनेजर से उसकी शिकायत करते के इसको काम नहीं आता, एक दिन मैनेजर ने उसको बुलाया और फटकार लगायी उसको समझ नहीं आया उसकी गलती क्या है?? पर उसने उन दोनों को हस्ते देखा उसको अजीब लगा !!
अनामिका ने सच का पता लगाने की ठानी और इन दोनों को रंगे हाथो पकड़ लिया, तब उसको समझ आया के आँखे बंद कर किसी पर भरोसा ना करो वरना वह इंसान आपकी अच्छाई का गलत फायदा उठता है ! उसने सबको उनकी सच्चाई बताई और उनसे दुरी बना लिया !
और कुछ दिन बाद ही मैनेजर ने उसके काम की बहुत प्रशंसा की और सबके सामने उसको उत्तम कर्मचारी का पुरस्कार भी मिला !
