माँ (भाग - 1)
माँ (भाग - 1)


दुनिया मे सब बदल जाता है, जो नहीं बदलता है वो है माँ, माँ का प्यार, माँ का दुलार !
हमें जिंदगी देने वाली, इस दुनिया मे लाने वाली प्यारी सी माँ, जब बच्चे पहली बार आँखे खोलते है तो एक प्यारा सा चेहरा दिखता है बच्चों को माँ का !
हम पहली बार जो शब्द बोलते है "माँ ", ईश्वर का स्वरुप ही तो होती है माँ इस धरती पर ! बच्चों की छोटी - छोटी ऊँगली पकड़ कर उन्हें चलना सिखाती है, हम लड़खड़ा कर गिर जाते है तो हमें सँभालने वाली, सबसे ज्यादा दुलार दिखाने वाली और गलती करने पर डाटने वाली..........
माँ तो बस माँ होती है, प्यार और ममता की मूरत, मानव जाती के लिए ईश्वर का आशीर्वाद......