STORYMIRROR

Manju Rai

Inspirational

4  

Manju Rai

Inspirational

ममता

ममता

1 min
348


बधाई हो लक्ष्मी आई है घर में ! दाई माँ ने कहा

इस बार फिर इस कलमुँही ने एक बेटी को जन्म दिया है मुझे तो लगता है मैं अपने घर के चिराग का मुँह देखे बिना ही मर जाऊँगी |सुलक्षणा देवी ने दाई माँ को बुलाया और उससे पूछा - कैसी है बहू ? अभी होश न आया है - दाई माँ बोली , 

एक काम कर बच्ची को उठा कर मुझे दे ; दाई माँ गोद में नवजात बच्ची को उठाये लाती है और सुलक्षणा जी के हाथ में दे देती है |

कितनी चोखी लग रही है - दाई माँ बोली , 

पर मेरा वंश न चलावेगी यो सुलक्षणा जी बोली तु इक काम कर इसे रात के बखत कहीं फेक आ मने नहीं चाहिए छौरी ! दाई माँ भी मजबूर थी आदेश का पालन करने के लिए क्योंकि यही काम उनकी जीविका का एकमात्र माध्यम&nb

sp;था। सो मन मार कर उन्हें आदेश का पालन करना पड़ा I वह अपना मुँह ढक कर अंधेरे में सुनसान जगह पर दूध मुँही बच्ची को छोड़ कर चली आई और सुलक्षणा ने दाई माँ से कहा - कोई पूछे तो बोल देना बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था |

पूजा रात में हर घर से बधाइयाँ बटोर कर अपने घर की तरफ जा रही थी I अचानक उसके कानों में एक बच्ची के रोने की आवाज पड़ी I वह उस दिशा की ओर मुड़ गई वहाँ जाकर उसने देखा तो बच्ची बहुत ही बुरी दशा में थी उसके अंग - प्रत्यंग को चिटियों  

ने घायल कर दिया था वह उसे उठाये अस्पताल गई और दिनभर में नाच - गाकर बलायें  लेकर जो भी कमाई हुई थी उसे डॉक्टर को दे दिया और उस बच्ची का इलाज करवाया तथा उस बच्ची को स्वयं पालने का निर्णय लिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational