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fp _03🖤

Inspirational

3  

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उलझन

उलझन

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कुछ इस तरह से रही, मेरी ज़िंदगी

खामखा कई उनझनों में फंसी रही।

सोच इसके बारे में ,मैं परेशान सी ;

समझ न आए कहां है जा रही ये 

सारी परेशानियों का हल ढूंढ कर मैं, 

नई शुरुआत कर रही मैं।

मगर ढूंढूं कहां अब खुद को ,

काफ़ी पीछे छोड़ चुकी खुद को मैं।।



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