मेरी अधूरी कहानी

मेरी अधूरी कहानी

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हद से ज्यादा मोहब्बत कयामत लाएगी,

बारीश है ज़िंदगी, बहती है, बह जाएगी।


मुझे याद कहां था मेरा होना भी ज़रूरी है,

मुझे याद कहां है अब मेरे होने में सब नहीं है।


लिखती थी बेहिसाब, जीती थी तो बेहिसाब,

अरसा हुआ कलम थामें, लिखती हूं बस हिसाब।


कहां मौजूद है मेरी तलाश की सहर अब,

जहां कहीं मौजूद है बस खुदा की महर अब।


मेरे रूकने में तुम्हारे होने का वो असर नहीं,

मेरा रूकना मेरे लिए है वो अब बेअसर नहीं।


मुझे वादा चाहिए ज़िंदगी से, वो मिलेगी कभी,

मैं जी रही हूं इस उम्मीद में राहत दिखेगी कहीं।


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