मेरे जीवन के बदलते पल
मेरे जीवन के बदलते पल
मेरी लाइफ में जैसे - जैसे वक़्त बदलते गए मेरे जीवन भी मौसम की तरह बदलते ही चले गए।
अपने - अपने न रहे कभी पराये अपने हुये और वही पराये जरुरत पर धोखा दे गए. बीते वक़्त ने मुझे बहुत कुछ सिखाया और बहुत ही रुलाया। मेरी दौड़ती हुई जीवन आखिर रुक सी गयी। क्योंकि मेरे जीवन की पटरी मेरे नानी मुझसे रूठ ही गई।