मेरा घर
मेरा घर


कभी सोचा न था, अपने जीवन काल में कभी ऐसी घटना सुनी भी न थी।
होली आने वाली थी, पकवान बना रही थी। भाई की शादी थी अप्रैल में उसकी भी तैयारियां कर रहे थे। साथ ही घर बनवाया जा रहा था। तभी होली आते आते एक खबर गई कि एक कोरोना वायरस जो कभी कभी समाचार में सुन रहे थे अचानक जोर पकड़ लिया । फिर होली में रुका हुआ काम घर का रुक गया । ये वायरस ने जोर पकड़ लिया लोगो के बीमार होने, मौत की खबरे आने लगीं फिर अचानक से मोदी जी द्वारा जनता कर्फ्यू की घोषणा हुई । खेर पहला दिन था सभी ने घर पे बिताया खुशी से कम भी किये ।लोगो ने एक दिन की कार्य सारणी भी बना ली। मेरे जनपद में 9 बजे से पूर्व ही जनता कर्फ्यू को सुबह 6 बजे तक के लिए बढा दिया गया । उसके बाद ये लॉक डाउन की घोषणा हो गई।
अब मैं आप को बताती चलूं की पहले ये 3 दिन के लिए घोषणा की गई थी जिसमे मेरे चाचा की बहू की डिलीवरी का समय था ऑपरेशन के लिए डॉ ने बताया था । प्राइवेट नर्सिंग होम बन्द हो गए । हद बड़ी में हमने उसे पास के मेडिकल कॉलेज भेजा किसी तरह सारी व्यवस्थाएं हुई।
उधर जहाँ घर मे एक बेटी का आगमन हुआ वही अब 21 दिन के
कर्फ्यू की भी घोषणा हो गई। अब क्या , अब तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था।
हमारी घर की परंपरा के अनुसार घर मे किसी बच्चे के जन्म होने पर 12 दिन की वृद्धि मनाई जाती है, जिसमे घर की बेटियों को छोड़ कर सबको पूजा पाठ वर्जित होता है ।
धन्य है ! अब तो हमारे घर मे सब पूरी तरह से खाली हो गए। आफिस बन्द, व्यापार बंद, स्कूल कॉलेज बन्द ।
पर सारी जिम्मेदारी हम लड़कियों के कंधे पर एक ओर घर का ख्याल, नवरात्रि का फलहार, तो किसी का अनाजी, विभिन्न प्रकार के भोजनों की तैयारी, पूजा पाठ सब कुछ हमारे ऊपर ।
अभी तक ये समझ आया कि अभी नवरात्रि में हमारे घर की बेटियों में शक्ति के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन हो रहा है।
और सारे पुरुष वर्ग आराम कर कर के थक हार कर कुछ घर के काम ही कर लेता है।
बाकी कुछ लोगो ने ऑनलाइन कार्य करना शुरू कर दिया आखिर इंसान सोये भी तो कितना ।
आज यही तक क्योंकि अब रात्रि भोजन की तैयारी भी करनी है ...
अपना ख्याल रखिये , हाथ साफ रखिये, दूरी बनाए रहे , उम्र बचाये रहें ...
आज के लिए धन्यवाद कल मिलते है आगे के अनुभव के साथ ....