Anurag Negi

Tragedy

1.8  

Anurag Negi

Tragedy

मैं उसे ढूँढता रहा

मैं उसे ढूँढता रहा

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समझ नहींं आ रहा है के आज के दिन मैं उसे इतना क्योंं याद कर रहा हूँ, जब अलग हो चुकी है वो तो आज भी क्योंं वो मेरे ख्यालों में है ? क्या उसकी याद मुझे इसलिये आ रही है के आज वो भी मुझे याद कर रही होगी या ये बारिश के मौसम का कसूर है, वो अक्सर मेरे ख्वाबो में आती थी मगर पिछले कुछ दिनों से वो हर रात को ख्वाबो में आकर भी नहीं आती क्योंंकि उसके सपने तो आते हैं, पर मुझे वो सपनों में भी नहींं मिलती और हर बार की तरह अकेला कर जाती है, मैं ख्वाबो में भी उसको हर जगह ढूँढता रहता हूं और उसका इंतजार करता रहता हूँ, पागल कर देती है मुझे वो ख्वाबों में भी, मुझे उसका इंतज़ार करते हुए कई साल हो गए, शायद अब तक तो उसने किसी और का भी हाथ थाम लिया होगा, सब जानने के बाद भी मैं उसके बारे में ये नहीं सोचता, जानता हूँ खुद को ये मेरे लिये एक झूठी तस्सली है लेकिन ये झूठी तस्सली कई बार मुझे उसे पाने का हौसला देती है, बिझडने के बाद बहुत बार उससे बात करने का सोचा, लेकिन उसने फ़ोन नंबर बदल दिया, सोशल मीडिया में ढूंढा तो नहीं मिली और मिली भी तो नाम वही लेकिन स्पेलिंग में थोड़ा फेरबदल करके मिली, मतलब साफ था कि उसने मेरी वजह से ही सोशल मीडिया मे अपना नाम बदला है, उसका नाम बदलना भी जायस था, जब साथ थी तब कुछ ज्यादा ही डर था मेरे अंदर उसे खोने का, शायद वो टाइम पास करती रही मुझसे और में उसे प्यार समझ बैठा, कभी लगता है के वो भी प्यार करती थी मुझे और अपनी जान से ज्यादा चाहती थी मुझे, अगर वो प्यार नहीं करती थी तो मेरे साथ अपना ज्यादा समय क्यों बिताती थी,

क्यों हर वक़्त हम बात करते थे ?

क्यों उसने मुझसे सम्बन्ध बनाये ?

क्यों अपनी हर बात मुझे बताती थी ?

क्यों मेरी हर बात जानना चाहती थी ?

क्यों उसने मुझसे अपनी हर तस्वीर सांझा करी ?

क्यों वो अपने तकलीफ के दिनों में मुझसे बात करने से अच्छा महसूस करती थी ?

बहुत सी बातें है जो मुझे यकीन दिलाते है के वो भी मुझे दिल से चाहती थी, मगर फिर भी उसने मुझसे बेवफ़ाई की, मुझसे अलग होने की वजह किसी और के प्रति उसका लगाव था या उसको मुझसे बेहतर कोई और मिल चुका था, इतने सालों बाद भी यही बाते मुझे आज भी झंझोर कर रख देती है, वो डिस्टेंस रिलेशन को नहीं संभाल पाई। 

उन दिनों हम अपने भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे थे, हम दोनों ही जानते थे कि एक दिन हमे समय अलग कर देगा, लेकिन हम दोनों अपने इस रिश्ते को एक मुकाम तक पहुँचाना थे। उसे अपने ही शहर में एक अच्छी जॉब मिल गयी थी जिसके लिए उसे वापस जाना था, दोनो को बिछड़ने का दुख था, मेरी आँखों मे भी आँसू थे, जाने से पहले उसने मुझे बहुत प्यार किया और कहा के हम एक है और वो सिर्फ मेरी है । मै नहीं चाहता था कि वो मुझे छोड़ के जाए लेकिन सवाल ज़िंदगी का था, उसके जाने के बाद मै थोड़ा अकेला पड़ गया, फिर भी उसने मुझे अपनी कमी महसूस नहीं होने दी, हम दिन रात फ़ोन में बाते करते, फोटोज शेयर करते, प्यार करते ।

6 महीने बीत गए:

हम दोनों डिस्टेंस रिलेशनशिप में थे, सब कुछ अच्छा चल रहा था, मुझे भी एक अच्छी जॉब मिल गयी थी और मैं भी अपने शहर वापस जा रहा था, मैंने उसे ये बात बतायी, वो बहुत ख़ुश हुई और कहा बहुत जल्द हम शादी करेंगें ।कुछ हफ़्तों बाद उसने अगली सुबह मुझे कॉल किया और रिश्ता खत्म करने की बात की, मैं दुखी हो गया था लेकिन लगा कि वो क्या पता मज़ाक कर रही हो, उसने मुझसे whatsapp, Fb, Insta से ब्लॉक कर दिया था ।

मुझसे रहा न गया और मै बिना सोचे समझे अपने शहर से उसके शहर उसे मानने चला गया, 12 घंटे का सफर उस दिन सिर्फ उसको सोचने में ही क्ब गुजर गया पता ही चला, शाम को उसके शहर पहुँचा तो पता नहीं था कहाँ रहूँगा और आगे क्या होगा, जैसे तैसे वो रात गुजर गयी लेकिन उसने ये उस रात मुझे एक मैसेज तक नहींं किया और न वो मुझसे मिलने नहीं आई, अगले दिन सुबह मै उसके ऑफ़िस के गेट में खड़ा था और उसका इंतजार कर रहा था, कुछ टाइम बाद मैंने उसे अकेले आते देखा, मै समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूँ और क्या नहीं, वो जानती थी के मै उसके शहर में हूँ मगर उसे यकीन नहीं था कि मै उससे मिलने उसके ऑफ़िस आ जाऊँगा, जब वो आ रही थी तो उसने एक लड़के को Hi……. बोला और वो दोनों हंसते हंसते आने लगे, जैसे ही उसकी नज़र मुझ पर पड़ी उसकी सारी हंसी मानो ग़ायब सी हो गयी थी, चेहरा उतर सा गया था, ऐसा लग रहा था जैसे कि उसने कोई बुरा सपना देख लिया हो, उसने अपने साथी को जाने को कहा और मुझसे पूछा, तू यहाँ क्या कर रहा है और क्यों आया ? मुझे तुझसे कोई मतलब नहीं, तू मर या जी, बस मेरा पीछा छोडमैंने उसे मानने की हर कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी, वो बहुत बत्तमीजी से पेश आ रही थी, मैं उसके इस बर्ताव पर हैरान था, मै उसकी हर बात सुनता रहा और गिड़गिड़ाता रहा लेकिन वो नहीं मानी, मैंने अपनी गलती भी पूछी लेकिन उसके पास कोई जवाब नहीं था, मै हैरान था के 2 दिन में ही ऐसा क्या हो गया जिससे ये ऐसा व्यवहार कर रही है, मैंने मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी, मैंने उस वक़्त अपनी सेल्फ रेस्पेक्त तक खो दी जब मैं उसे मनाने की कोशिश कर रहा था, अब वो ऑफ़िस के गेट से ही वापस अपने घर को जाने लगी और मुझे पीछे आने को मना कर दिय मैंने अगले दिन भी उसका वही पर इंतज़ार किया लेकिन वो नहीं आई और मुझे मैसेज करके कहा कि अब मुझे तेरे साथ नहीं रहना, मैंने रिश्ता तोड़ने का रीज़न पूछा तो जवाब मिला तंग आ गयी हूँ तुझ से, लेकिन अब खुश हूं, तू चला जा अपने घर वापस

मैं उस दिन वापस अपने घर आ गया, ये सोच कर के क्या पता कोई और मिल गया हो जो मुझसे ज्यादा काबिल हो ।

कुछ समय बाद फेसबुक पर ढूंढा तो नहीं मिली लेकिन उसकी एक दोस्त जिसका नाम मुझे पता था मैंने उसको ढूंढा और उसकी फ्रेंड लिस्ट में देखा तो वहां वो मिल गयी बस नाम की स्पेलिंग में थोड़ा सा बदलाव कर रखा था उसने, मैं समझ गया था कि यह बदलाव मेरी वजह से किया है।एक साल बीत गया था:

मैंने उससे बात करने की कोशिश तक नहीं की, इसी बीच मेरे एक फ्रेंड ने कहा कि वो आज उसे उसके शहर में दिखी जहाँ कोई exam चल रहे हैं, मै उस जगह गया और वहां पता किया तो पता चला कि वो आयी तो थी लेकिन 2 घंटे पहले निकल गयी। ऐसे ही वक़्त गुजरता चला गया, जहाँ भी मुझे उसकी खबर मिलती मैं समय देखना न जगह, बस उसकी एक झलक देखने पहुँच जाता, लेकिन हर बार कहीं न कहीं कुच कमी रह जाती, कभी मैं देर से पहुँचता तो कभी वो जल्दी निक्ल जाती , बस परिणाम में निराशा ही हाथ लगती और मैं खाली हाथ ही लौटता, फिर मैंने उसे ढूंढना ही छोड़ दिया, बस उसकी याद हर रोज़ आती थी । एक दिन मुझे व्हाट्सएप्प में एक नए नंबर से मैसेज आया, मैंने बात की तो वो कोई लड़की थी जो मेरे बारे में पूछ रही थी क्या करते हो ? 

कहाँ रहते हो ?

कहाँ काम करते हो? 

किसी से प्यार करते हो ?

आगे क्या करोगे ?

कौन पसंद है ?

किसी ने धोखा दिया हो ? 

कोई लव स्टोरी है तुम्हारी ?

आगे क्या करोगे ?

ऐसे ही बहुत सारी बाते करती थी, मेरे पूछने पर एक ही बात को अलग-अलग जवाब देती थी, मैंने उससे उसकी फेसबुक Id पूछी तो नहीं दी, बातों का शिलशिला लगभग हफ्ते दस दिन चला, कुछ और दिन बीत जाने के बाद उसने मुझे अपनी फेसबुक id दी, जो कि हाल ही में बनी थी, ना कोई फ़्रेंड, न कोई पोस्ट और इनफार्मेशन भी बिल्कुल अलग, लेकिन उसके मैसेज करने का जो तरीका था वो मेरी ex से हुबहू मिलता था, दिमाग मे आया भी के कहीं ये वही तो नहीं, क्या पता वापस आना चाहती हो,  लेकिन शक यकीन में तब बदला जब उसने गलती से अपनी Eyes की DP लगा दी।

मैंने कहा: तुम कोई और नहीं तुम वही हो जिसे मैं खुद से ज्यादा चाहता हूँ, मैं तुम्हें भूला नहीं हूँ, तुम्हें आज भी चाहता हूँ और तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा हूँ।

ये मैसेज देख कर उसने कोई जवाब नहींं दिया और अपना नंबर, फेसबुक सब बंद कर दिए और फिर उस लड़की से मेरा कोई कांटेक्ट नहीं हो पाया, मैं समझ गया कि ये वही थी, जिसका मुझे इंतज़ार है।

कुछ टाइम बाद:

मैं जिसे प्यार करता था उसको फिर से फेसबूक में ढूंढा, अब की बार वो मुझे मिल गयी और पता चला कि वो मेरे ही शहर एक कंपनी में जॉब कर रही है, मैंने ना चाह कर भी उसे मैसेज कर दिया कि तुम यहाँ हो और तुमने बताया भी नहीं, मैं मिलना चाहता हूँ तुमसे ।ये मैसेज पढ़ कर उसने मुझे ब्लाक कर दिया।मैंने पता किया तो वो अपने इस बर्थ डे में एक लड़के के साथ पहले एक रेस्टोरेंट में थी और फिर शाम को सीसीडी में थी।

मुझे यकीन हो गया था कि शायद ये उसका बॉयफ्रेंड ही होगा, नहीं तो अपने बर्थडे में कौन किसी एक के साथ बिना मतलब रहता है।

बहुत बुरा लगा के जिसका इंतज़ार के इतने सालों से कर रहा हूँ उसकी जिंदगी में मेरी कोई वैल्यू नहीं पर एक तरफ ये सोच के खुद को तस्सली दे रहा था कि उसने मुझे पहले ही कह दिया था कि वो खुश है अब अपनी लाइफ में और मैं उसका एक बुरा सपना हूँ, जिसे मैंने प्यार समझा वो उसके लिए सिर्फ कोम्प्रोमाईज़ था जो उसने खुद कहा था ।

 कुछ महीनों बाद

मुझे अब एक अच्छे पैकेज के साथ एक कंपनी से ऑफर मिला लेकिन यह नया ऑफ़िस उसके ऑफ़िस से सिर्फ 10 min की दूरी पर था, डर था कि कहीं वो न दिख जाए और अगर दिख भी गयी तो खुद को कैसे संभालूंगा और सबसे बड़ा डर कि अगर वो किसी और के साथ दिख गयी तो मेरी जो उसे पाने की उम्मीदें हैं उन पर गहरी चोट लगेगी ।काफी सोचने के बाद मैने वो ऑफ़िस जॉइन कर लिया, इस लालच में के क्या पता कभी दिख जाए और उसे मेरा प्यार भी दिख जाए।

जिसका इतने सालों से इंतज़ार कर रहा हूँ अब वो मुझसे सिर्फ 10 Min की दूरी पर ही हैं।बहुत सोचने के बाद एक दिन मैं उसके ऑफ़िस उससे मिलने चला गया, मगर उसने मुझसे मिलने से मना कर दिया। मतलब साफ था कि वो आगे बढ़ चुकी है और मैं आज भी उसका बेवकूफो की तरह इंतज़ार कर रहा हूँ, इच्छा आज भी उससे मिलने की है, सब बातें भुलाकर उसे पाना चाहता हूँ, जो सपने देखें थे उनको पूरा करने कि हिम्मत है अब मुझमें लेकिन वो मिलना नहीं चाहती, इतने सालों बाद भी मैं उसे प्यार करता हूँ लेकिन उसके लिए शायद मैं एक बुरा सपना था जिसे वो अब दोबारा देखना नहीं चाहती।


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