मैं आज जीना सीख चुका हूँ .
मैं आज जीना सीख चुका हूँ .


दुनिया थोड़ी डरावनी सी लगती थी पहले,
अब शायद मुझे समझ आने लगी है
मुझे 2020 से सीख मिली है,
की ज़िन्दगी आज जीना कितना ज़रूरी है
ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर खुशी रहती है,
ना जाने किस मोड़ पर मौत बैठी है,
मै कल सोया था खुद रजत बन कर,
क्या पता किस सुबह मै कोई 'इरफान' बन जाऊं
मैं सपने में देखूँ खुद की तस्वीरे,
और हकीकत में ऋषि कपूर की याद हो जाऊं,
मुझे डर लगने लगा था लोगों की असलियत से,
अब मै बीते और आनेवाले कल में नहीं जीता,
क्या पता किस रोज़ सुशांत हो जाऊँ
इसलिए ज़िन्दगी आज जीने पे भरोसा होने लगा है मुझे,
क्यूंकि सौ साल जीने के लिए,
लंबी उम्र की ज़रूरत नहीं,
ज़रूरत है उस एक 'आज' की,
ताकि दुनिया मुझे सौ साल याद रखे।