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Dr.BRIJESH MAHADEV

Inspirational

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Dr.BRIJESH MAHADEV

Inspirational

माँ और बेटा

माँ और बेटा

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गायत्री एक संघर्ष शील महिला थी। हालांकि जवानी में उसके पति का गायब हो गया थे। उनका एक छोटा बेटा मुन्ना था। मुन्ना के उज्ज्वल भविष्य के लिये गायत्री ने रात दिन काम किया, काम करते करते गायत्री बहुत थक जाती थी लेकिन फिर भी आराम नही करती थी। हमेशा एक बात याद करके फिर काम मे लग जाती थी कि जिस दिन बेटा लायक हो जाएगा तभी आराम करेगी। समय बीता गया गायत्री बूढ़ी हो गयी और मुन्ना को एक अच्छी नौकरी मिल गयी कुछ समय बाद मुन्ना की शादी कर दी और एक बच्चा हो गया जिसका नाम प्यार से मुन्नू रखा। अब बूढ़ी गायत्री बहुत खुश थी उसके जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा हो गया उसका मुन्ना लायक हो गया अब मुन्ना उसकी हर ख्वाहिश पूरी करेगा।

समय बड़ा बलवान होता है, सपने सच नहीं होते क्योंकि मुन्ना और उसकी पत्नी रेखा के पास माँ से बात करने तक का वक्त नही होता था। उसके जीवन में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा था, बस इतना अंतर था माँ के जीवन मे कि पहले वो बाहर के लोगो के जूठे बर्तन धोती थी अब अपने बेटे और बहू के धोती है। पहले वो बाहर के लोगो के कपड़े धोती थी अब अपनी बहू और बेटे के फिर भी खुश थी. क्योंकि औलाद तो उसकी थी। माँ की ममता बेटे के साथ थी. ठंडी का मौसम आ गया था एक टूटी चार पाई पर घर के बिल्कुल बाहर वाले कमरे में एक फ़टे कम्बल मे सिमटकर माँ लेटी थी और सोच रही थी कि आज बेटा आएगा तो उससे कहूंगी कि तेरी माँ को बहुत ठंड लगती है एक नया कम्बल लाकर दे दे।

शाम को मुन्ना घर आया तो गायत्री बोली- बेटा ! ठंड बहुत है, मुझे बहुत ठंड लगती है और बात ठंड की नही है मैं बूढ़ी हो गयी हूँ इसलिए शरीर मे जान नही है. इस फ़टे कम्बल में ठंड रुकती नही है बेटा कल एक कम्बल लाकर दे दे। बेटा गुस्से से बोला इस महीने घर के राशन में और मून्नू के एडमीशन में बहुत खर्चा हो गया है, सिर्फ दो महीने की सर्दी निकाल लो अगली सर्दी में देखेंगे। बेटे की बात सुनकर गायत्री चुपचाप उस कम्बल में सिमटकर सो गई। अगली सुबह देखा तो माँ अब इस दुनिया मे नही थी बेटे ने सबको खबर दी कि माँ अब इस दुनिया मे नही है सभी रिश्तेदार, दोस्त पड़ोसी इकठ्ठे हो गए बेटे ने मां की अंतिम यात्रा में कोई कमी नही छोड़ी थी।

माँ की बहुत बढ़िया अर्थी सजाई थी बहुत महंगा शाल माँ को ओढाया था। सारी दुनिया माँ का अंतिम संस्कार देखकर कह रही थी हमें भी हर जन्म में भगवान ऐसा ही बेटा दे. मगर उनलोगों को क्या पता कि मरने के बाद भी एक माँ ठंड से तड़प रही थी सिर्फ एक कम्बल के लिए. मित्रों अगर आपके माँ बाप आज आपके साथ है तो आप बहुत भाग्यशाली है आज आप जो कुछ भी हो वो उन्ही की मेहनत और आशीर्वाद से हो। जीते जी अपने माँ बाप की सेवा करना आपका पहला कर्तव्य है क्योंकि उन्होंने आपके लिए अपना पूरा जीवन दे दिया है। अपने माता पिता की जीते जी इज्जत करें, प्रेम करें तभी यह जीवन सार्थक होगा।


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