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Isha Agarwal

Tragedy Others

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Isha Agarwal

Tragedy Others

लावारिस

लावारिस

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घर में इस बात पर कलह मची हुई थी कि बूढ़े मां-बाप किस बेटे के साथ रहेंगे। संतान मोह में आकर घर और रुपया सब गंवा चुके बूढ़े मां-बाप एक कोने में चारपाई पर बैठ कर अपने बच्चों को अपनी किस्मत का फैसला करते हुए देख रहे थे।


“हमारी इतनी कमाई नहीं है कि हम अम्मा-पिताजी का खर्च उठा सकें। राजू इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। अगले साल स्वीटी का मेडिकल कॉलेज में दाखिला करवाना है। ऊपर से दुकान भी ठप पड़ी है। एक काम करो तुम अम्मा-पिताजी को अपने घर रख लो”, बड़े बेटे ने यह कहकर दोनों को अपने साथ रखने से इनकार कर दिया।


“भाई साहब मुझे कौन सा कहीं से कुबेर का खजाना मिल गया है! मैं आज तक घर और गाड़ी के लोन की किश्तें भर रहा हूं। ऊपर से हर महीने हजारों रुपए बच्चों की फीस में चले जाते हैं। मैं दो और लोगों का खर्च कहां से उठाऊंगा? दीदी आप अम्मा-पिताजी को अपने घर ले जाओ”, छोटे बेटे ने अपना पल्ला झाड़ लिया।

बूढ़े मां-बाप ने बड़ी आस के साथ अपनी बेटी की ओर देखा।


“कैसी बातें करते हो भैया, भला कोई मां-बाप अपनी बेटी की ससुराल में जाकर रहते हैं क्या? और तुम तो जानते ही हो कि मेरी सास का स्वभाव कितना कठोर है। ये बात सुनते ही वो मुझे भी घर से बाहर निकाल देंगी। अम्मा-पिताजी आप दोनों की जिम्मेदारी हैं। आप लोग आपस में ही फैसला करो”, बेटी ने मां-बाप से नजरें चुराते हुए कहा।


बहुत विचार-विमर्श करने के बाद ये फैसला किया गया कि पिताजी बड़े बेटे के साथ रहेंगे और अम्मा छोटे बेटे के साथ रहेंगी। मां-बाप की आंखों में जला उम्मीद का दिया बुझ गया।


अगले दिन सुबह होने से पहले बूढ़े मां-बाप ने एक-दूसरे का हाथ थाम कर घर छोड़ दिया। घर के साथ वो अपनी संतान का मोह भी पीछे छोड़ गए। कुछ दूर चलने के बाद उन्हें किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी।


उन्होंने पास जाकर देखा तो पाया कि कोई अंधेरे का फायदा उठाकर कचरे के डिब्बे में एक नवजात बच्ची को फेंक गया था। बूढ़े ने जल्दी से बच्ची को कचरे के डिब्बे से बाहर निकाला और अपनी पत्नी की ओर बढ़ाया। पत्नी ने बच्ची को अपने आंचल में छिपाकर सीने से लगा लिया। बच्ची डर और भूख से रो-रोकर हलकान हो रही थी। बूढ़ी औरत की आंखों से आंसू बह रहे थे। कुछ ही देर में उसके अंदर की मां फिर से जिंदा हो गई थी।


बूढ़ी औरत ने अपने पति की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखा। पति ने आंखों से मौन स्वीकृति दे दी। तीनों लावारिस अपना नया घर ढूंढने चल पड़े।



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