क्या तेरा क्या मेरा
क्या तेरा क्या मेरा
एक मोहल्ले के दो घर जहाँ दो पड़ोसन आपस मे फिर से बहस में उलझी हुई थी। मोहल्ले के बाकी घरों में उनके झगड़े की आवाज पहुंच रही थी जिसके चलते उस घर के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। वैसे तो यह झगड़ा भी नया नहीं था और ना ही यह सवाल कि उन दोनों के घर के बीच की जमीन पर अपने आप ही उग आया वो पपीते का पेड़ आखिर किसका है?
शीला और सुशीला दोनों ही इस पेड़ पर अपना अधिकार जमाते हुए आपस में दुश्मनी कर बैठी थी। दोनों को ही यह बर्दाश्त नही था कि कोई इस पेड़ पर उगे एक भी पपीते को हाथ लगाए। दोनों को ही उस पेड़ से कुछ ज्यादा ही जुड़ चुकी थी।
दोनों का झगड़ा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था लेकिन जब दोनों ही लड़ते-लड़ते थक गई तो सुशीला अपने घर के अंदर जाने लगी तो अचानक ही उसका पैर फिसल गया और वो नीचे गिर गई। यह देखते ही शीला अपना गुस्सा भूल गई और सुशीला को लेकर तुरंत ही डॉक्टर के पास गई जहाँ डॉक्टर ने उसके पैर में फ्रेक्चर बताया और उसे आराम करने की सलाह देते हुए फल और ज्यादा से ज्यादा सब्जियां खाने को कहा।
इसके बाद तो जैसे नज़ारा ही बदल गया। उसके लिए शीला के घर से रोज ही खाने की थाली के साथ साथ फल की एक प्लेट भी आया करती थीं जिसमें पपीता भी होता था।
इतने सालों से उस घर मे अकेले रह रही सुशीला को एहसास हुआ कि इस दुनिया में सारे झगड़े ‘क्या तेरा क्या मेरा’ के अहंकार के चलते ही होते हैं जबकि इस दुनिया की कुदरती चीजों पर सबका हक है।