कॉलेज की लडकी
कॉलेज की लडकी


कॉलेज के पहले दिन से, मै उसे पसंद करने लग गया। मैंने उसके बारे में पता करना शुरू कर दिया था, पता लगा की वो सेकंड ईयर की छात्रा है। साल भर होने को है कॉलेज का और मेरी इतनी भी हिम्मत नहीं हुई की मैं उससे बात कर लू, फेसबुक पर भी इतनी हिम्मत नही हुई की बात कर लू। बस यूं मन ही मन में उसके बारे में सोचना,उसके ख्यालों में डूबा रहना, मेरी दिन चरिया में शामिल हो गया।
तभी एक दिन लाइब्रेरी में उससे देख रहा था, और उसने मुझे देखे लिया, मैंने नज़रे किताब की ओर मोड़ ली और ऐसे बर्ताव करने लग गया की जैसे मैं उससे देख ही नहीं रहा था। कॉलेज खतम होते ही वो मेरे पास आती है, और सवाल करती है"क्यों इससे पहले नही देखा क्या मुझे कॉलेज में, या में कोई अजूबा हूं जो तुम मुझे देख रहे थे"।
मुझे कुछ समझ में नही आया, और उस समय मेरे मन में जो शब्द आया वो था"मैं तुम्हे पसंद करता हूं" वो जोर जोर से हंसने लगी, बिना कोई जवाब दिए वो निकल गई।
अगले दिन अचानक मुझे खबर मिली की उसका ऐक्सिडेंट हो गया है, ये सुनकर मैं कुछ समय के लिए बेकाबू हो गया और पागलों की तरह चिलाने लग गया, तभी मेरा दोस्त बोला चिला क्यों रहा है, कोई भयानक सपना देखा क्या, इतने में मेरी नींद खुल गई, देखा मै तो अपने हॉस्टल के कमरे में हूं। ये जानकर की ये एक सपना था, मुझे कुछ सुखून मिला, और जल्दी जल्दी कॉलेज के लिए निकल गया, उसे देखकर मन शांत हुआ। जिसे हम दिलो से चाहते है उसे खोने का डर रहता, इसलिए जब तक आपके पास ऐसे कोई चीज है, उसकी इज्जत करो, यकीन मानिए दिल को बहुत सुकून मिलेगा।