मोहित शर्मा ज़हन

Tragedy Inspirational

1.0  

मोहित शर्मा ज़हन

Tragedy Inspirational

किन्नर माँ

किन्नर माँ

2 mins
3.2K


बिल्लो के घर के बाहर उसके साथी किन्नरों का समूह जमा था। बिल्लो के बाहर निकलते ही सबने उसे घेर लिया, भावुक सरोज दल का नेतृत्व कर रहा था।


सरोज - “तू रूमी को क्यों पढ़ा रही है? तुझे उसकी माँ बनने का शौक चढ़ा है?”

बिल्लो - “रूमी बहुत होशियार है। ग्रैजुएशन कर लिया है, अभी पुलिस अफ़सर का एग्जाम निकाल देगी देखना!”

सरोज - “नशा किया है तूने? शादी का सीजन है, काम पे लगा इसको!”

बिल्लो - “क्यों तुझे चिढ़ मच रही है कि उसको नाचने-गाने के अलावा कुछ करने को मिल रहा है?”

सरोज ने रुँधे गले से बोला - “तुझे पता है रूमी फिजिकल टेस्ट में औरत नहीं निकलेगी…सबका बराबर हक़ बस कहने की बात है, हम जैसों को देखते ही निकाल देते हैं कोई न कोई बहाना बनाकर।”

बिल्लो - “तुझे पता है मैं साड़ी की जगह सलवार सूट क्यों पहनने लगी?”

बिल्लो ने अपना सूट ऊपर उठाया, जहाँ किडनी ऑपरेशन से बना बड़ा निशान था।

बिल्लो - “अपना पैसा लगाकर और तब भी पूरा नहीं पड़ा तो किडनी बेच कर रूमी का सेक्स चेंज ऑपरेशन करवाया है। डॉक्टर ने कहा माँ नहीं बन सकती पर मेडिकल में ये औरत ही आएगी। इसे अपने नरक से निकालने की मेरे पास यही एक तरकीब थी।”


रोता हुआ सरोज बिल्लो के गले लग गया। नम आँखें लिए पूरे दल के चेहरे पर एक सवाल था…“क्यों?”

“कभी मैं भी रूमी की तरह होशियार थी। मदद के लिए बहुत भागी, गिड़गिड़ाई पर किसी ने मेरे ‘हिजड़े’ की पहचान से आगे कुछ जानना ही नहीं चाहा।”



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy