कबीले
कबीले
कबीले की तरह होते है कुछ लोग,
जो छोड़ जाते है, मां बाप को आश्रम,
ये भी होते है मस्त-मगन आपनो के साथ
पर उनमे भूल जाते है अपने माँ बाप को।
Dear Reader...
इस कविता मे आज कल लोग आपने मां बाप को
आश्रम छोड़ देते है या घर से नीकाल देते है,
आज के समाज को देख कर मैं
आप सब से निवेदन करती हूूँ
अपने मां बाप को अकेला ना छोड़ना
इन्हें आप की जरूरत है।
