जन्मदिन मुबारक स्टेला
जन्मदिन मुबारक स्टेला
25 मार्च 2020 आज स्टेला का जन्मदिन है। हां जनता हूं स्टेला "आज की तारीख से ठीक एक माह पहले जन्म लिया था तुमने" लेकिन हमारे पास तो तुम 25 मार्च को ही आयी थी न? रंगपंचमी का दिन था वह। तुम्हें कैसे एक झोले में रखकर संजू बस में बैठ डरते डरते लाई थी। तुमने न जाने कितने दिनों के बाद नहाया होगा या शायद पहली ही बार। तुम्हारे शरीर पर बहुत से कीट थे जो शायद तुम्हें बहुत परेशान कर रहे थे तब शुभी ले के गया था अस्पताल। उस दिन सब कितने खुश थे। अस्पताल से आने के बाद तुम्हारे लिए घर जैसा कुछ बनाने के लिए प्लास्टिक के टब में चादर बिछाई थी हमने। ख़ैर आधी रात को तुम उस टब से बाहर आ गई थी। और शुभी के बगल में लेट गई। मेरी नींद खुली थी तब। मैं डरा हुआ था कि कहीं शुभी तुम्हारे ऊपर पैर न रख दे। तुम्हें देखते देखते आंख लग गई। अचानक आंख खुली तो तुम उस जगह नहीं थी जहां तब थी जब मैं देख रहा था । मैंने घबराकर नज़र दौड़ाई तो तुम शुभी के पैर की तरफ़ थी और मस्त दोनों टांगे फैला कर सो रही थी। और इस बार मैं रात भर जागा रहा कि जैसे ही शुभी करवट बदले तो तुम्हें कुचल न दे। और फिर अगले दिन से तुम उसके ही पास सोने लगी।
स्टेला उस दिन रंग उड़ रहा था, खुशियां थी चारों ओर कितना अच्छा था न सब? आ
ज ठीक एक साल बाद मातम है, डर है, मौत का तांडव है - कोरोना का । हम घर में क़ैद हैं। इस क़ैद में मुझे याद आ रहा है कि पिछले एक साल से तुम भी तो क़ैद ही हो। हमें लाख प्यार मिले, खाना समय पर मिले, परिवार मिले लेकिन घूमने की आज़ादी तो अलग सुख देती है। है न? इन दिनों घर में रहकर मुझे बस यही लगता है भले तुम्हें लाख प्यार हम दे रहे हैं लेकिन तुम्हारी आज़ादी हम छीन चुके। हम शहर घूम लेते हैं लेकिन तुम सिर्फ़ घर में रहती हो। कभी सोचूं कि तुम्हें आज़ाद कर दूं तो डर अलग रहता है क्योंकि अब बाहर जो तुम्हारे जैसे हैं अब तुम्हें अपनाएंगे नहीं क्योंकि तुम से इंसानों की खुशबू आने लगी है। वे हमला करते हैं तुम पर और तुम उन पर। इस कोरोना ने सिखाया है मुझे कि आगे से मैं किसी पशु को इस तरह पालतू नहीं बनाऊंगा। शायद मैं गलत हो सकता हूं स्टेला लेकिन हर प्राणी को अपनी आज़ादी से जीने का, घूमने का हक होना चाहिए। कोरोना संक्रमण की वजह से भले तुम्हारा जन्मदिन न मना सके हम लेकिन एक सीख तुम्हारी मासूमियत और इस घड़ी ने दे ही दी। जन्मदिन मुबारक हो स्टेला। खुश रहो, आबाद रहो । जिस तरह उस दिन तुम्हारे शरीर के कीटों को हराया था हमने, ये कोरोना भी जल्द ही हार का मुंह देखेगा और हम खूब घूमेंगे मज़े करेंगे।