STORYMIRROR

Radha Kano

Drama Thriller

4  

Radha Kano

Drama Thriller

जंग-ए-ज़िंदगी, भाग-३

जंग-ए-ज़िंदगी, भाग-३

3 mins
486

तैयार होकर, डोली में बैठकर दोनों बहनें चलीं ‘’गुरुआश्रम’’...

महाराजा सूर्यप्रताप की पत्नी का नाम सूर्यावती और राजा चंद्रप्रताप की पत्नी का नाम है चंद्रावती।

सूर्यावती और चंद्रावती दोनों सगी बहनें हैं। सूर्यावती और सूर्यप्रताप का बेटा सहदेव है। चंद्रावती और चंद्रप्रताप का बेटा चैतन्य है। सूर्यावती को महारानी कहा जाता है। चंद्रावती को रानी कहा जाता है।

दोनों बहनें गुरुआश्रम पहुँचीं।

गुरु समाधि में लीन हैं और बोले, "मुझे पता था, महारानी मुझसे मिले बिना रह नहीं सकती। वो जरूर आयेंगी, वो जरूर आयेंगी।" गुरुमाता बोली, "आर्य! आप जो भी कहते हैं सच हो ही जाता है, उसमें चौकाने वाली कोई बात नहीं है। एक नज़र दूर करके बोली, "लो आ गईं ‘महारानी’ आपको मिलने।"

गुरु बोले, "मुझे पता है वो जरूर आयेंगी, वो आकर ही रहेंगी।"

महारानी, "जय श्री कृष्णाI अगर आपको पता है तो आप कोई उपाय क्यूँ नहीं बताते?"

चंद्रावती बोली, "जय श्री कृष्णा गुरुजी, गुरुमाता।"

गुरु बोले, "रानी ये दुनिया हमारे इशारों पर नहीं चलती, हमें उनके इशारों पर चलना पड़ता है (ऊपर की ओर उंगली करके गुरुजी बोले) I"

सूर्यावती बोली, "गुरुजी, आज राजकुमारी दिशा ने जो कहा वो अविस्मरणीय आश्चर्यजनक है।"

गुरुमाता बोली, "क्या हुआ राजमहल में महारानी?"

गुरु बोले, "महारानी...याद रखना राजकुमारी दिशा छोड़ने वाली है ...'राजमहल' छोड़ने वाली है। वो ना आपकी रहेगी, ना राजमहल की रहेगी। वो अपना रास्ता बनाने वाली है। वो बदनाम होने वाली है।आप सब को भी बदनाम करने वाली है।"

चंद्रावती बोली, "गुरुजी ऐसा मत कहिए, वो मेरी बेटी, वो मेरी जान है। महाराजा को उस पर नाज है। वो राजकुमारी दिशा के बिना एक पल भी नहीं रह सकते, भले ही वो मेरी बेटी है।"

सूर्यावती बोली, "हाँ गुरुजी, अब आप ही बतायें...हम क्या करें? आपको पता है न कि महाराजा आपकी बातों पर भरोसा नहीं करतें हैंI"

गुरु बोले, "महारानी हमने आपको उपाय उसी दिन बता दिया था जिस दिन राजकुमारी दिशा का जन्म हुआ था। अब कोई उपाय नहीं है।" 

चंद्रावती बोली, "तो क्या अब कोई उपाय नहीं?"

गुरु बोले, "रानी जो मुझसे हुआ वो मैंने कर दिया, विधि-विधान, पूजा-पाठ, यज्ञ-हवन सब कुछ। आपको जो करना था वो आपने कर दिया। बस अब तो ऊपरवाला ही जाने क्या होगा? वो समय को बदल सकता है, वो समय की चाल को बदल सकता है। उसकी मरजी के आगे न हमारी चलती है ना किसी और कीI"

सूर्यावती बोली, "अब क्या किया जाये?"

गुरु बोले, "इंतज़ार; और हाँ ...महारानी, महाराजा मेरी बात मानेंगे भी, बस समय की चाल है, कब किस पर भारी हो जाये, कहा नहीं जाता।"

रानी (चन्द्रावती) बोली, "क्या मेरी राजकुमारी को नहीं बचाया जा सकता?"

गुरुजी बोले, "रानी बस आप इंतज़ार करें। समय खुद अपना रास्ता बनाता है। आप जाएँ और ईश्वर पर पूरा भरोसा रखें।"

तब महारानी बोली, "कैसे, कैसे रखे भरोसा? मेरी बच्ची मेरी जान, जो मुझे मासी-मासी कहके पुकारती है, वो न जाने कब मुझे छोड़कर चली जायेगी।"

रानी बोली, "दीदी धैर्य रखें मैंने उसे जन्म दिया है, मुझे भी तकलीफ होती है। मगर हम ईश्वर के आगे कुछ नहीं कर सकते। कुछ भी नहीं।"

गुरुजी बोले, "जी महारानी, आप ईश्वर में ध्यान लगाएँ वो आपकी बात अवश्य सुनेंगे।"

गुरुजी को जय श्री कृष्णा कहकर...

महारानी और रानी ’राजमहल’ में वापस आ गईं...

१४ वें साल में जा रही राजकुमारी ने चोरी-छुपे अपना काम शुरू किया।

वो प्रजा में मशहूर तो है ही, सबकी निगाहें हर बार राजकुमारी दिशा पर ही ठहर जाती। राजकुमारी दिशा ने दोनों भाइयों को पूछकर अपना नाम रखा लिया ‘डाकूरानी’ फिर वो अपनी प्रजा के बीच पहुँची और...

जो किया वो जानने के लिये आपको मुझसे जुड़े रहना पड़ेगा...

 



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama