जंग-ए-ज़िंदगी, भाग-२

जंग-ए-ज़िंदगी, भाग-२

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एक गुप्तचर आया ओर बोला, "डाकूरानी को बोलो, अर्जेंट गुप्तचर आया है।"

इस समय में लोग अंग्रेज़ी बोलने की और सीखने का शौक भी रखने लगे हैं। डाकूरानी ने इस गुप्तचर का नाम ही अर्जेंट रख दिया।

डाकूरानी ने अपने डाकू के परिवार में बहुत-सी भाषा के लोगों को रखा है। कोई अपनी मर्ज़ी से आया तो कोई जबरन लाया गया। डाकूरानी अलग-अलग भाषा बोलना, लिखना और जानने का बहुत ही शौक रखती हैं।



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