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Jyoti Gupta

Inspirational

3.6  

Jyoti Gupta

Inspirational

जिंदगी 2.

जिंदगी 2.

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मन मे एक विश्वास था, एक उम्मीद सी थी कि शायद

आज नही तो कल ये जिंदगी मेरे साथ हो ।


और इसी उम्मीद में मैंने कई वर्ष यूं ही बिता दिए; और आज जब पीछे मुड़ कर देखा तो , वही रास्तेे और वही हम ।


कुुछ वक्त के लिये तो ऐसा लगा कि ,जिंदगी ने क्या किया हमारे साथ ,ऐसा क्यों किया, हमे धोखा क्यों मिला और फिर यही सोच -सोच कुुुछ और वक्त बीत गए। 


हम गलत थे , सायद हम समझ नही पाए कि जिंदगी

हमे कुछ सिखाना चाहती थी।

इशीलिये कहती हूं--------

वक्त पे पहल करो,वक्त पे करो , हो सके तो जिंदगी के साथ चलो।।

     

        


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