जिंदगी 1.
जिंदगी 1.

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जिंदगी आसान नही है चलाना,
समझना भावनाओ में जाना शब्दों को मत पकड़ना ।
कुछ दिन पहले की बात है, हम सब दोस्त बैठे गप्पे हॉक रहे थे,
तभी याद आया कुछ और मेरे जबान से निकल गई ।
वो बात जो मैं बिन कुुुछ सोचेे समझे
बोल दी,बो बात मेंंरे एक दोस्त के दिल मे लग गई।
अब वो मुझे वोला तू ऐसा ही है ,कहने से पहले सोचता नही!
मैने पहले सोचा ये क्या बोल रहे ,कुछ भी ये ऐसे ही है,
इसीलिये ऐसा कह रहे है----
लेकिन कुुुछ समय बाद समझ आया
की आज बस " हाँ में हाँ " होनी चाहिए
बाकी सब बढ़िया ।।।