जब कोठे के दलाल को स्टेशन पर मिल गई थी चांदनी |
जब कोठे के दलाल को स्टेशन पर मिल गई थी चांदनी |
कहते हैं कि रक्षक कभी-कभी भक्षक बन जाते हैं और जो भक्षक बन जाते हैं तो समाज में उनका जो एक चेहरा होता है रूप होता है जब पता चलता है तो लोगों को बड़ी तकलीफ होती है खासकर अगर हम बात करें तो जैसे पत्रकार यानी कि मीडिया को चतुर्थ स्तंभ कहा जाता है और मीडिया अपनी जिम्मेदारी से कहीं अलग जाने लगे तो जाहिर सी बातें लोगों का उनके प्रति गुस्सा बढ़ जाता है ठीक वैसी कहानी पुलिस वालों की भी होती है पुलिस वालों को भी जिम्मेदारी दी जाती है रक्षा करने की उनको जिम्मेदारी दी जाती है उन्हें कसम ला जाती है लेकिन उसके बावजूद भी वोह रक्षा ना करके और वो खुद ही एक राक्षस की तरह काम करने लगे तो जाहिर सी बात है किसको गुस्सा नहीं आएगा आदाब नमस्कार सत श्री अकाल मैं उस्मान सेफी दरअसल आज हम एक बार फिर से अतुल मैम के पास आए हैं क्योंकि आप लोगों की डिमांड थी कई कमेंट ऐसे थे कि अतुल मैम की कहानी फिर से आनी चाहिए इससे पहले की मैं कहानी प बात करूं पहले मैं रक्षक और भक्षक वाली बात प बात करूंगा मैम मैंने मेरी जो कहानी है उसमें कई कहानी में इस तरह के कमेंट भी आते हैं कि जोसे पत्रकार होते हैं पत्रकार की बात करू या फिर पुलिस वालों की बात करूं और क्योंकि आपका बहुत लंबा समय जो बीता है लड़कियों को बचाने में जो कि कोठे पर बेवजह चले जाया करती थी इनका किडनैप हो जाया करता था किसी ना किसी बहाने से प्यार मोहब्बत के उन्होने वहां पहुंचा दिया अब पुलिस की और पत्रकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनको बचाए लेकिन पता चला कि वो भी उनके पास पहुंच जाया करते थे है कुछ ऐसे कोई किस्सा कहानी बिल्कुल ऐसे तो बहुत रहे कि जैसे मुझे मुझे हमेशा लगता कि भाई जब तक मैं जाती हूं जब रेड हो रही है है तो फोटो खींचना और उनका इंटरव्यू वो तो इंटरव्यू देने को तैयार नहीं होती है लेकिन वो सब करना और फिर एक मीडिया ट्रायल जैसा करना मेरे ऑफिस में यही पत्रकारों का केवल काम था लेकिन अक्सर मुझे ऐसे कमेंट कभी-कभी मिल जाते कि मैं यूं ही जाती और शॉकिंग तरीके से मुझसे कहती अरे दीदी वो आए थे ना भैया तो बताइए अब ऐसे कहां से नई नई लड़की रोज लाके दे मैंने कहा कौन कि वो जो उस ऐसे भी नहीं उनके पास पुख्ता जानकारी होती थी कि फलाने चैनल में थे या फलाने अखबार के या फलाने मैगजीन के हम तो मैंने कहा फिर बोले दारू पी के आ गए रात इतना बवाल किया यहां इतना शोर मचाया और नई लड़की चाहिए नई लड़की बताइए आप कहती हो लड़की नहीं आनी चाहिए वो मांगते हैं नई लड़की दो तो मतलब वो मेरे लिए खाली शॉकिंग ही नहीं इतना क्रोध मन में उपसता है कि अगर सामने हो तो मैं जरूर थप्पड़ लगाऊ क्या है आप चौथा स्तंभ कहते हैं समाज का म जिम्मेदार एक पिलर है उसके बिना समाज नहीं है और क्या कर रहे हैं आप जिनको बचाना चाहिए आपको जिनकी स कुना आप तक मुझ तक आनी चाहिए आपसे और वो ये सब कर रहे हैं इसमें पिक्चरों में दिखाया जाता है कि पुलिस वाले पैसे भी लेते हैं और पुलिस वाले वहां वक्त भी गुजारने चले जाते हैं ऐसे देखिए मैं तो बिल्कुल सीधा कहती हूं कि मारपीट मुफ्त में सेक्स की भूख हम और चनौती तीनों काम ये पुलिस के हैं हम और इसीलिए मेरे खिलाफ भी रही कि मैं खुल के बोलती हूं इस बार में मारपीट तो इसलिए कि किसी ने शिकायत मान लो मैंने ही कर दी कि भाई देखो ऐसे ऐसे रोज हो रहा है नीचे राग पकड़ते हुए कंकड़ मारेगी निकलते हुए नहीं जाने देती हैं परेशान करती हैं तो वो ठीक नहीं है तो ऐसे में दो चार थप्पड़ लगा दिए किसी भी दलाल बलाल को लगा दिए और उनका तो फायदा ये था मुझे बहुत बाद में वर्सों बाद समझ में आया कि जितना ज्यादा मैं रेड करती हूं रेस्क्यू करती हूं वहां जाती हूं उतने ज्यादा उनका रास्ता सुगम हो जाता है कि वो जाए मैडम को यह पता लगाया भाई वो जो कौन सी लड़की निकली है उसे जरा तुम आज मेरे पास भेजो वरना आज रात को रेड वेड कर दी तो खामखा परेशान हो जाओगी आज रात मेरे पास रहेगी मतलब जी भी स्थिति रही है ये भी स्थिति रही है तो और जब वो नाम मुझे लेकर कहती है कि दीदी ऐसे कहा तो मेरे लिए इतना ज्यादा वो मतलब दुखदाई होता था कि किसकी मैं अगर वो इनके प्रति ऐसा सोच सकते हैं तो मुझे बहन का हो मैडम का हो कुछ भी मेरे बारे में क्यों नहीं सोच सकते मैम पिछली बार जो आपने कहानी सुनाई थी बिंदिया की कहानी हां उस बिंदिया की कहानी ने ऐसा समझ लो जिसे कमाल कर दिया हो उसका जो दर्द था उसकी जो तकलीफ थी लोगों के दिलों तक पहुंची बिलकुल और उनकी निक उनकी जो मुंह से आहा निकली ना लोगों के तो आहा बहुत दूर तक गई मुझे लगता है कि शायद हिंदुस्तान की सीमाएं भी वो पार कर गई थी हम तो लोगों ने डिमांड की कि एक बार फिर से आपको मैम से मिलना चाहिए तो मैं तो खैर कहूंगा कि एक बार नहीं मैं बार-बार आपसे मिलने आऊंगा लेकिन इस बार हमारे दर्शकों को आप क्या कहानी सुना रहे हैं देखिए मैं मैं आपको सुनाऊंगा लेकिन आज मैं आपको अपनी मर्जी से वो सुनाऊंगा है जिसे मैं आज तक भी मतलब शायद भुला नहीं पा रही हूं उस बात को ऐसे ही मैं आपने देखा मेरी यहां बैठक है मैं बैठी हुई थी उसमें और भी मेरे साथ के लोग भी बैठे हुए थे तो किसी ने मुझे कहा मुझे लग रहा था कोई बार-बार झांक रहा है तो मैंने कहा भा कौन है देखो जरा तो उन्होंने जिसका नाम लिया वो वहां का एक कुख्यात पिप था कुख्यात दलाल था अच्छा मैंने कहा ये क्यों आया है तो बड़ा खतरनाक बात है इसको नहीं आना चाहिए था मेरे मैं अपने घर को सब से रखती हूं हमेशा ऐसे लोगों से कभी मेरे घर का भी किसी को पता नहीं लगता है तो मैंने कहा इसको तो नहीं आना चाहिए था पर चलो आ गया तो बुलाओ वो आया और उस कबाड़ी बाजार इलाके से निकल के जो आपका ये वाला घर बना था ये कित कब बन गया था नहीं नहीं मैं तो मेरा तो बेसिकली यही है अच्छा पहले से ही हां हां लेकिन मेरा ऑफिस चूंकि शहर में है हां हां तो ऑफिस तक सीमित था सब कुछ अच्छा चाहे वो पत्रकार हो बहुत जो मेरे बहुत घरेलू पारिवारिक थे वो मेरे घर तक आना था उनका बाकी कोई मेरी फैमिली को नहीं जानते मेरे हस्बैंड को नहीं जानते मैं बिल्कुल दूरी बना के रखती थी क्योंकि मुझे पता है कि कब खतरे में अगर मेरी फैमिली खतरे में आती है तो मैं नहीं कर पाऊंगी कुछ भी तो वो मैंने बुलाया तो ऐसे हाथ जोड़ के और झुक के आ रहा था हम और उसने आते ही डरते डरते से कांपते हुए और मेरे पैर पकड़ लिए मैंने उसे अलग हटाया मैंने कहा भाई ये ड्रामा मत कर क्योंकि सडन मेरे साथ कुछ हादसा हुआ था वो बड़ा एक्सीडेंट हुआ था मैंने कहा ये उसकी जिम्मेदारी उसने ली थी कि मैंने ये कराया है मैंने कहा तू बैठ जा आराम से बैठ नीचे बैठने लगा मैंने कहा नीचे नहीं ऊपर बैठ बैठ गया वो और और रो रहा है जार जार मतलब मैं उस रोने को नहीं बता सकती वो जैसे कोई जिबह होता जानवर डकरा है वो ऐसे रो रहा था अरे भैया मैंने कहा बाहर आवाज जाएगी मेरा खुला घर है तो लोग सोचेंगे पता नहीं मैंने किसको मार रखा है किसी की पिटाई कर रही हूं क्या और मैंने क चुप हो जाओ ना बताओ क्या बात है तो बोले मुझे अभी आठ दिन हो गए और एक लड़की मिली है हम और छ सात साल की है फिर रोने लगा पूरी बात बोलो तो मैं कुछ करूं तुम्हारे लिए क्या करना है और मिली है तो अच्छा है तुम्हारे लिए तो बिजनेस है थोड़ा मुझे गुस्सा भी था उसपे उसने कहा नहीं आप तो समझ ही नहीं रही आप समझ नहीं रही वो मेरे दिल में घुसी जा रही है वो मुझे छोड़ती नहीं है एक मिनट मेरे दिल में खुशी जा रही है मैंने कहा बात क्या है बो मैं स्टेशन प गया यहां ये भी मैं बता दूं आपको कि अक्सर स्टेशन पर किसी किसी को रखते हैं कोई भटकी हुई खोई हुई ऐसी कोई बच्चा मिल जाए लड़की मिल जाए तो ताकि लेके आ सके कि मैं जा रहा था यूंही और कुर्ता पहनता था उसने मेरा कुर्ता खींचा पीछे से पाछ साल की बच्ची और कहा बाबा फ मैंने मुड़ के देखा तो सामली सी लड़की गोल मेंटोल सी थी मैंने छुड़ाया उससे कि मैं तेरा बाबा नहीं हूं और मैं आगे चल दिया तो भाग के उसने फिर कुर्ता पकड़ा मुझे पता है तुम मेरे बाबा नहीं हो मेरे अम्मा बाबा तो मुझे छोड़ के चले गए उस लड़की ने ये बोला तुम और जबक वो कोठे का दलाल है हां तुम मेरे बाबा हो वो उसे हटाता रहा फिर वो उसके पीछे पीछे चलती रही तो बोला कि फिर मुझसे मैंने सोचा चलो ठीक है जा रही है मैंने थोड़ी देर इंतजार किया हो सकता है इसके मां-बाप आ जाए इधर-उधर देखा आ पौन घंटा में स्टेशन पर रुका व मेरे साथ घूमती रही चाय पानी पिलाई फिर मैं लेके चला आया मैं तो खुश था कि मुझे तो एक बिजनेस मिल गया लेकिन उसके बाद में जो आप कहानी सुनोग तो फिर रोता मतलब वो छुप ही नहीं हो पा रहा था मुझे समझ नहीं आ रहा था इतना क्रूर आदमी जिसकी जिसने मुझे मारने में इतनी सी भी देर नहीं लगाई और वो इतना मैंने कहा बात मुझे समझ ही नहीं आ रही तू कहना क्या चाह रहा है ने कहा वो इस तरह से करती है छोटी-छोटी बात पे मान लो मैं सो हूं तो मेरे सिराहने बैठी है मैं जरा सा करवट लो तो बोली हां बाबा पानी चाहिए ऐसे पूछती है मुझसे मतलब कोई अपनेपन का एहसास रही हा इस कदर कर रही है और मैं उसे धक आता हूं तो मेरे ऐसा लग रहा है मेरे दिल में घुस रही है निकल नहीं रही है और 24 घंटे बाबा बाबा मैं उसे झड़ता हूं बाबा नहीं हूं मैं तेरा यहां मैं ये बता दूं कि उसकी शादी बादी नहीं हुई थी बाल बच्चा भी नहीं था की नहीं थी शादी तो मेरे पीछे पड़ी रहती है और अभी तो यह हालत हो गई है कि मैं कुछ भी करूं मुझे ना कहीं जाने दे कि मैं साथ चलूंगी बाबा अकेले मत जाना और आपको तो पता है मैं कितनी दारू पीता हूं मैं दारू पी के यहां पड़ जाता हूं गंदा करता हूं और वो सब साफ करती है फिर सुबह उठ के पानी लाएगी मुझे बाबा आपको उल्टी हो गई थी पानी पी लो चलो डॉक्ट
र के चले आप बीमार हो मुझे क्या होना है क्या हो रहा है ये कौन किसी ने भेजी है क्या ये किसी ने इसलिए भेजी है क्या कि ये मेरे पे निगाह रख सके तो मैंने कहा भाई मैं तो उसे जानती नहीं तो मुझे एक बार उस बच्ची से मिलवा दे मैं लाया हूं और बाहर वो सोफे बैठी थी ह वो वहां से लेके आया उसे हम तो वो एकद वो सो रही थी नींद आ गई थी उसे मैं भी उठ के गई उसके साथ तो फर पड़े पड़े सो रही थी तो उसने जैसे ही उसके यूं हाथ लगाया तो एकदम उठी चले बाबा एक सेकंड लगाया उस बच्ची ने तो बस वो फिर जानवरों की तरह रोने लगा ऐसे उसको लेके कि मुझे छोड़ दे मुझे छोड़ दे तू हट जा तू यहां जा इनके साथ जा मुझे छोड़ दे और बहुत बुरी तरह से रोता रहा फिर मैंने कहा तू सुन ना यह तेरे से जो कहना चाह रही है तो इसकी बात सुन ले आजा मेरे पास बैठ तू भी और ये बैठ मैंने बिठाया और मैंने पूछा मैंने कहा बेटा यह तो तुम्हारे बाबा नहीं है हां मुझे पता है य तो मेरे बाबा नहीं है और लोकल पुट लग रहा था उसका मतलब आपको लग रहा था कि आसपास आसपास ही कहीं की हो मतलब ज्यादा ज्यादा हा बागपत इस तरह बागपत भी नहीं क्योंकि बागपत की तो फिर खड़ हो जाती है लेकिन इर्द गिर्द की बोली लग रही थी सब मामा ना हो इधर हो तो मैंने कहा बेटा तू कहां जाएगी तू मुझे अपने घर का थोड़ा-थोड़ा आईडिया बता कोई नहीं मेरे तो बस बाबा है मैंने कहा ऐसे कैसे मम्मी पापा तो होंगे तो वो तो मुझे छोड़ के चले गए ना कहां ड़ा कि हम ट्रेन में जा रहे थे तो उन्होंने कहा तू यहां उतर जा हम पानी लेकर आ रहे हैं मैं उतर गई वो चले गए मैं आवाज लगाती रही फिर मुझे बाबा मिल गए बाबा के साथ आ गई और बाबा काभी तो कोई नहीं है मैं तो बाबा की देखभाल करूंगी मैंने कहा तू इतनी छोटी है तू कैसी बड़ी-बड़ी बातें कर रही है नहीं मैं छोटी नहीं हूं मैं तो अपने घर प भी करती थी ना काम अच्छा मेरी मम्मी भी काम करने चली जाती है मेरे बाबा भी काम करने चले जाते हैं फिर मैं तो घर का सारा काम एक मेरा छोटा भाई है मैं उसका भी सारा काम करती थी अब मैं तो बड़े असमंजस में मैंने कहा तुम तुम मुझे दो दिन दो और ये मेरे पास तो रुकेगी नहीं और मैं देखती हूं आसपास कहीं इसकी शिकायत लिखी गई हो कहीं एफआईआर लिखी गई हो मैं देखती हूं कहीं नहीं जी आरपी में कहीं भी हमने आसपास के थानों में भी खंगाला कहीं कुछ लिखा हुआ नहीं था वो सच कह रही थी कि कोई छोड़ने के उद्देश्य से उसको छोड़ के चला गया जो भी मां-बाप रहे होंगे या जो भी होंगे तो ये दौर ऐसा था जिसमें सीसीटीवी कैमरे वगैरह नहीं है ना ना वो दौर ऐसा था तो वो मैंने कहा भाई तू अपने पास रख मैं और कुछ नहीं कर सकती फ मैं मैं कैसे रखूंगा और आपको पता है मैं कितनी दारू पीता हूं आपको पता है कि मैं वहां पे जाता हूं अगर किसी की निगाह पड़ गई तो इसे उठा के ले जाएंगे तो मैंने कहा तेरा तो पैसा बन जाएगा तुझे क्या जा रहा है फिर रोने लगा बुरी तरह से और नीचे लेट गया ऐसे मत कहो ऐसे मत कहो यह तो मेरे दिल में है अब इसको तो कोई उंगली भी नहीं लगा सकता इसको तो छू भी नहीं सकता कोई मैं मुझे खुद ही समझ में ना आया कि मैं क्या बताऊं इसे तो आप रख लो मुझे आप पे भरोसा है ये आपके पास सेफ रहेगी आप रख लो इसे तो मैंने कहा मेरे पास रहेगी और हां एक बात और वो उसको लगातार सोन चिरैया कह रहा था मैंने कहा ये क्या इसका नाम इसने बताया मैंने कहा तुम्हारा नाम सोनचिरिया है बो नहीं मुझे तो मेरे अम्मा मम्मी और बाबा बेबी कहते थे अ बेबी अच्छा तो मैंने कहा तुम इसको बेबी क्यों नहीं कहते हां मैंने किसी को सुना था आपके किसी उसमें से सोन चरैया कहते हुए हम तो ये तो सोच रया ची च च च च 24 घंटे करती है बाबा बाबा करके तो मैं इसे सोच रया बुलाता हूं और ये बोलती है सोच रया के नाम से अच्छा अभी मेरे लिए तो और भी ज्यादा वो मतलब मुझे मैं नहीं समझ में रहा था मैंने कहा सोच रिया तू रहेगी मेरे पास नहीं मैं अपने बाबा की सोच री और आप मुझे सोच रीया मत कहना हम बड़ी तमीज से बात करती थी हम तो मैंने कहा क्या कहूं बेबी कहो अच्छा चल बेबी मेरे पास रहेगी नहीं मेरे बाबा की देखभाल करने वाला कोई नहीं है मैं बाबा के साथ रहूंगी मेरे पास कोई और रास्ता था नहीं हम मैंने कहा अच्छा भाई अब तू ये सोच इसकी जिम्मेदारी मेरी है हम लेकिन रहेगी ये तेरे पास कभी मैं इसे बाजार में नहीं देखूंगी कभी अगर मैंने देख भी लिया भूल के भी हम तो फिर मुझसे बुरा कोई होगा नहीं अगर तूने मेरे साथ कोई ड्रामा चा है तो उस ड्रामे को मैं भुगत लूंगी फिर इसका एडमिशन करा बोले आप मुझसे जो कहोगी मैं वो करता रहूंगा मैं इसके लिए सब खर्च करूंगा एडमिशन कराया हमने उसे और हॉस्टल में डालने को ना वो तैयार हुआ ना यह तैयार हुई मैंने कहा तुम हॉस्टल में रख देते नहीं नहीं मेरे बाबा तो पीछे अकेले रह जाएंगे मेरे बिना नहीं रह सकते ना आ दिन हुए थे केवल मेरे बिना नहीं रह सकते बाबा मैं यही रहूंगी इनके साथ ही और अभी दिसंबर 2022 में उसकी शादी हुई है उन्होंने मुझसे पूछा कि मतलब उसकी फैमिली जो और भाई भाई थे कि भा इसकी शादी कहां करें पढ़ लिख लिए बीटेक किया उस लड़की ने बीटेक किया कमाल है और पूछा कि शादी हमें तो पता नहीं हिंदू है मुसलमान है मैंने कहा आप देखो लड़का कोई हिंदू मुसलमान नहीं जो अच्छा लड़का मिले आप करो मुस्लिम में है अगर कोई अच्छा लड़का तो देखो इसका बाबा वो है छोड़ गया वो इसका बाबा नहीं है तो और मैं बड़ी बात य बताऊं कि उसने व बाजार छोड़ दिया वो जगह छोड़ दी भूखा रहा प्यासा रहा मजदूरी करी ठेले चलाए दाल मंडी में हा ठेला चलता है सामान ढोने के लिए वो ढोया लेकिन उस बाजार की सीढ़ी नहीं चढ़ा वो कभी ऐसे कितनी लड़कियों को उसने पहुंचाया होगा कोठे पे कोई तादाद नहीं है एक लड़की ने उसकी किस्मत बदल दी किस्मत बदल दी उसकी किस्मत बदल दी और और ऐसे मासूम से उसको देखती हालांकि अगर मैं वैसे देखूं उसे छोटी सी तो प्यारी सी लगती थी लेकिन जूजू बड़ी हुई थोड़ा सा वैसी हुई तो रंग भी सामला था इतनी खूबसूरत सी नहीं थी हम छोटी सी भोली और मासूम सी लेकिन ऐसे ही वो उसे सोच बुलाता और ऐसे ही वो उसे दौड़ के बाबा कहती और तो फर उस मतलब ज जब से वो लड़की जिंदगी में आई तब से फिर बाकी किसी लड़की को कभी नहीं कभी नहीं हां कभी नहीं और फिर जब शादी की तो बड़ी विदा प बहुत रोया अच्छा और बस उसके हाथ जोड़ केय कहा जो दूला था कि मेरी सच खुश रखना मेरा इसके अलावा और कोई नहीं है और फिर बड़ी शक्ति से कहा कि वरना मैं मार दूंगा मैं परवाह नहीं करूंगा कि मैंने क्या किया और मैं तुझे मार दूंगा अगर मेरी सोच रिया को जरा सा भी कष्ट हुआ था ये बहुत बड़ी बात है कि एक ऐसी लड़की को और एक ऐसे व्यक्ति ने जिसने न जाने कितनी की जिंदगी कितनी की जिंदगी और मुझे तमाम लोग मेरे कलीग्स कहते थे ये बड़ा बदमाश है ये जवान होते ही वहां डालेगा और मेरा मन मानने को मुझे भी कभी-कभी असमंजस होती थी तो मैं कहती थी मैंने कहा मैं तुझे देख लूंग किसी दिन अगर इस लड़की को मैंने वहां देख लिया बड़ा निर सा देखता था क्या मैं ठेला चलाता अगर मुझे इसे वहां लना होता क्या मैं मजदूरी करता क्या मैं पुताई करता ये नहीं करता मैं मुझे जरूरत नहीं थी मेहनत की मजदूरी लड़की को पढ़ाया उसने बीया नोएडा से बीटेक किया उसने कमाल है और वो बेहतरीन जिंदगी जी रही लड़की बढ़िया वो लड़का किसी मल्टीनेशनल कंपनी में है और शायद अभी बता रहा था कि उसका एक भतीजा है वो मेरे टच में यहीं से ही वो कर रहा है एमटी से अच्छा शायद बीटेक टेक ही कर रहा है जिंदा है या जिंदा है वो अ भी जिंदा यहां कहने के लिए शब्द ही कम पड़ जा पड़ जाएंगे कि एक आदमी जिसने क्या कि ना जाने कितनी लड़कियों की जिंदगी बर्बाद की हो और अचानक से रेलवे स्टेशन पर एक ऐसी लड़की मिल जाती है उस लड़की ने ना केवल उसको सही दिशा दी बल्कि उस व्यक्ति ने मेहनत की मजदूरी की और जितनी तपस्या कर सकता था उतनी तपस्या की उस लड़की को पढ़ाया लिखाया और बीटेक करा दिया आज शायद वो और ऐसे करता है जब मैं उसकी शादी में गई तो मैं मैंने उसको एक साड़ी दी गुड़िया को से सच रिया को तो मैंने उसको ही दी दो देना गुड़िया को तो बोला कि जाके आओ अंदर ओ बैठी थी ये देख ये साड़ी नहीं है हम इसे तो ये समझ लेना कि यही तेरा शादी का जोड़ा और यही तेरा कफन है कभी जिंदगी में अपनी राह से मत भटकना और ये है वो इन् देख ले अच्छी तरह से जिसकी वजह से तू यहां है आज मैंने कहा ये मत क उसको तो मैं बराबर मिलती हूं को आज पहली बार थोड़ी मिल ऐसे मत बोलो नहीं इसे पता होना चाहिए और बहुत संभाल के स से संभाल के रखना हमेशा पहनना जरूर लेकिन कुछ मको पहनना और हमेशा रखना सही बात है किसी की जिम्मेदारी लेना बहुत बड़ी बात है भी एक दो दिन के लिए नहीं थी बल्कि पूरी होल लाइफ की जिम्मेदारी ली जाती है किसी को भी कुछ वक्त तक रखना उसके बाद यह तो सब मतलब पिक्चर में देखा जाता है कि पिक्चर शुरू हुई तीन घंटे की पूरी कहानी दिखा दी लेकिन एक बार उठाना और पूरी जिंदगी संभालना ये वाकई अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है उस व्यक्ति को तो वाकई सैल्यूट बनता है कि जिसने ना केवल और लड़कियों को इस दलदल में आने से रोका और एक लड़की को एक अच्छी मुझे बहुत लोगों ने कहा पत्रकारों ने भी कहा ये महा बदमाश आदमी है किसकी बात तुम आ रही हो तुम देखना एक दिन ऐसा उड़ा देगा इस लड़की को पता भी नहीं लगने देगा और मैं और ज्यादा चौकन हो जाती थी बार-बार पूछती कि वो ठीक है सचर है जा रही है स्कूल जा रही है आप क्यों मुझसे बार-बार सवाल करती हो मुझसे डर लगता है मैंने कहा नहीं नहीं लगता अब तो त बाप है उसका मिलते हैं एक नई कहानी के साथ तब तक आप लोग अपना ख्याल रखें सुरक्षित रहे जय हिंद जय भारत