जाको राखे साइयां मार सके न कोय
जाको राखे साइयां मार सके न कोय
एक बार की बात है जाड़े के दिन थे सुबह के करीब 8:00 बज रहे थे हम गांव में रहते हैं मेरे घर पशु भी पलते हैं मैं अपने पशुओं कि जो रहन-सहन की जगह है उस जगह सफाई करके घेर से घर की तरफ आ रही थी जैसे ही मैं घर में घुसी मेरी भाभी जी ने मुझसे कहा की बाजी आज धूप निकली नहीं है और अम्मी को नहाना है आप एक काम करिए अम्मी के लिए नहाने के लिए पानी गरम करने रख दीजिए मैंने अपने हाथ भी नहीं धोए थे क्योंकि भाभी नल पर अम्मी के नहाने के लिए बाल्टी में पानी भर रही थीं मैं दरवाजे पर ही खड़ी हो गई मैंने एक तांगे को आते हुए देखा घोड़ा अपनी लगाओ तोड़ चुका था और तांगे को लेकर भाग रहा था और तांगेवाला आदमी पीछे से शोर मचा रहा था हट जाओ हट जाओ हट जाओ क्योंकि घोड़ा बहुत ही तेज स्पीड से तांगे को लेकर आ रहा था एक तरफ से वह घोड़ा आ रहा था जैसे ही मैंने उस व्यक्ति की आवाज सुनी तो मैंने सड़क के दूसरी साइड देखा कि कुछ बच्चे अपने खिलौनों से रास्ते पर खेल रहे हैं घोड़ा और मेरे बीच ज्यादा दूरी नहीं थी तांगेवाला काफी पीछे था मैंने बिना सोचे समझे उन बच्चों की तरफ दौड़ लगा दी घोड़ा तांगा लेकर मेरे पीछे पीछे और मैं घोड़े के आगे एक तरफ से मेरी अम्मी की आवाज आ रही थी पागल है क्या मरना चाहती है यह देख घोड़ा बहुत तेजी से दौड़ रहा है यह तेरे ऊपर होकर निकल जाएगा लेकिन मैंने अपनी जान की परवाह किए बगैर उन बच्चों की तरफ देखा जो सड़क पर खेल रहे थे घोड़ा और मेरे बीच 4 गज की भी दूरी नहीं थी उस घोड़े को देखकर दो बच्चियां तो भाग गई लेकिन उनके साथ एक उन का छोटा भाई भी खेल रहा था और साथ में एक पड़ोस का भी बच्चा था उन लड़कियों का भाई बच्चों का जो खेलने का स्कूटर होता है उस पर बैठा ही रो रहा था बच्चा इतना छोटा था कि वह खुद ना चल सकता था और ना स्कूटर से उतर सकता था मैंने तुरंत उस बच्चे को उठा लिया लेकिन दूसरे बच्चे को ना ना उठा सके और तांगा एक बच्चे की गाड़ी को तोड़ते हुए दूसरे बच्चे के ऊपर निकल गया और यह देखकर मेरी चीख निकल गई क्योंकि एक बच्चे को तो मैंने बचा लिया था और दूसरे बच्चे पर तांगा निकल गया लेकिन मैंने देखा तो बहुत ही हैरत में पड़ गई क्योंकि उस बच्चे को सही सलामत मैंने वही खड़ा पाया इतनी देर में दूसरे बच्चे की मां आई और उसने अपना बेटा मेरी गोद से पुचकारते हुए ले लिया और उसे लेकर बहुत खुश हुई उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे और खुशी से घर के अंदर गई मुझे अपने बटुए से ₹10 मेरी ओर बढ़ाते हुए कहा कि यह लो तुम कुछ खा लेना मुझे बहुत खुशी हुई है कि तुमने मेरे बच्चे की जान बचा ली तो मैंने यह सुनकर कहा- सुुुनिये "जाको राखे साइयां मार सके न कोय"
इस को बचाने वाला तो खुदा था और यह ₹10 मुझे देने की बजाय खुदा का शुक्रिया अदा करो और इन रुपयों का कुुछ मंगाकर बच्चों को बांट दीजिए क्योंकि यह अल्लाह के रहमों करम से आपका बेटा आपके सामने सही व सलामत खड़ा है क्योंकि अगर आपके इस बच्चे को मैंने बचाया है तो दूसरे बच्चे पर तो तांगा चड़ चुका था लेकिन उसका बाल भी बांका नहीं हुआ यह सुनकर वह औरत आंखे भर लाई।
मैं वापस जाओ अपने घर लौटी मेरी मम्मी ने मुझसे पूछा कि बेटा तू इतनी तेज क्यों दौड़ रही थी मैंने कहा अब मैं आगे कुछ बच्चे खेल रहे थे जिन को बचाना बहुत जरूरी था मेरी अम्मी ने मुझे घर के साथ अपने गले लगाया और मेरे माथे को चूमा कहा कि बेटा तूने मेरा सिर्फ फक्र से ऊंचा कर दिया
लेकिन थोड़ी देर बाद पता चलाा कि वह तांगा एक लाइट के खंभे से टकराकर पलट गया और उसका मालिक घोड़े पर काबू करके अपने घर पहुंचा कर मेरे घर वापस आया और मुझसेे कहा आज तूने बहुत ही ज्यादा ने काम किया है तूने बच्चोंं को बचाया ही है अगर इनको कुछ हो जाता तो मेरे साथ बहुत ही बुरा सलूक किया जाता वह व्यक्तिि मेरे आगे हाथ जोड़कर खड़ा हो गया मैंने कहा ऐसा मत कहिए मैंने जो भी होता है अच्छे केेेे लिए होता हैै यह काम मै ना करती तो शायद कोई और करता।
लेकिन एक बात जरूर है इंसान कोो अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए और जितना हो सके उतनी मदद करनी चाहिए बेशक खुदााा जो चाहे वह कर सकता है उसकी मर्जी के बिना एक पत्ता नहीं हिल सकता।
