हरियाली आंदोलन
हरियाली आंदोलन
रविवार को सायं बेला में डॉक्टर बृजेश महादेव संयोजक हरियाली आंदोलन के संयोजन में राष्ट्रीय विनर संपन्न हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश उत्तराखंड असम उड़ीसा गुजरात तमिल नाडु मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ बिहार हरियाणा आदि प्रांतों से 1 दर्जन से अधिक वक्ताओं ने हरियाली आंदोलन पर अपने विचार व्यक्त किए. वेबीनार को प्रारंभ करते हुए डॉक्टर बृजेश महादेव ने कहा कि पेड़ धरती पर सबसे लंबा जीवन व्यतीत करने वालों में से हैं, और ये कभी भी ज्यादा उम्र की वजह से नही मरते. हर साल 5 अऱब पेड़ लगाए जा रहे है लेकिन हर साल 10 अऱब पेड़ काटे भी जा रहे हैं. एक पेड़ दिन में इतनी ऑक्सीजन देता है कि 4 आदमी जिंदा रह सकें. पेड़ो की कतार धूल-मिट्टी के स्तर को 75% तक कम कर देती है. और 50% तक शोर को कम करती हैं. एक पेड़ इतनी ठंड पैदा करता है जितनी 1 A.C 10 कमरों में 20 घंटो तक चलने पर करता है. जो इलाका पेड़ो से घिरा होता है वह दूसरे इलाकों की तुलना में 9 डिग्री ठंडा रहता हैं. पेड़ अपनी 10% खुराक मिट्टी से और 90% खुराक हवा से लेते है. एक एकड़ में लगे हुए पेड़ 1 साल में इतनीCo2सोख लेते है जितनी एक कार 41,000 km चलने परछोड़ती हैं. दुनिया की 20% आक्सीजन अमेजन के जंगलो द्वारा पैदा की जाती हैं. ये जंगल 8 करोड़ 15 लाख एकड़ में फैले हुए हैं. पेड़ की जड़े बहुत नीचे तक जा सकती है. किसी एक पेड़ का नाम लेना मुश्किल है लेकिन तुलसी, पीपल, नीम और बरगद दूसरों के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करते हैं.। इसलिए एक व्यक्ति को एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए और उसकी सुरक्षा करनी चाहिए.
वेबीनार डॉक्टर गोरखनाथ पटेल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र उत्तर प्रदेश के संरक्षण में आयोजित हुआ हालांकि तकनीकी समस्याओं के कारण आपके साथ कई लोग नहीं जुड़ पाए. अध्यक्षता डॉ पी नसीम बेगम एसोसिएट प्रोफेसर दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा चेन्नई ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए हरियाली आंदोलन की प्रशंसा की, मुख्य अतिथि डॉक्टर एसएन त्यागी सोनीपत हरियाणा ने हरियाली के आर्थिक पहलू पर विचार व्यक्त किया, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर नूरजहां रहमतुल्लाह काटन विश्वविद्यालय गुवाहाटी असम ने घर के अंदर की हरियाली तथा डॉक्टर विष्णु देव सिंह मलिक नौपाड़ा उड़ीसा में घर के बाहर की हरियाली पर प्रकाश डाला, स्काउट प्रशिक्षक डॉ विक्रम सिंह चौहान करनाल हरियाणा द्वारा हरियाली एक जन आंदोलन के रूप में विचार को रखा गया, प्रमुख वक्ताओं के क्रम में डॉ विशा शर्मा नई दिल्ली द्वारा हरियाली और अपरदन, डॉक्टर धनंजय सिंह मिर्जापुर उत्तर प्रदेश द्वारा हरियाली और सुरक्षा, डॉक्टर मोहम्मद शहीदुल इस्लाम एसआरएम विश्वविद्यालय चेन्नई द्वारा हरियाली से शांति, डॉक्टर हेमलता वर्मा गढ़वाल विश्वविद्यालय उत्तराखंड द्वारा हरियाली और वृक्षारोपण, अंजना झवर लोहाटी सूरत गुजरात द्वारा हरियाली और स्वास्थ्य, डॉ रुचिका श्रीवास्तव सीतामढ़ी बिहार द्वारा हरियाली और रोजगार, डॉ योगेंद्र सिंह मुरादाबाद उत्तर प्रदेश द्वारा हरियाली और पोषण, डॉक्टर शिव कुमार सिंह मध्य प्रदेश द्वारा हरियाली और जीवन, डॉ वेद प्रकाश वेदी साकेत महाविद्यालय अयोध्या उत्तर प्रदेश द्वारा हरियाली और जलवायु, श्रीमती वंदन गोपाल शर्मा शैली भाटापारा छत्तीसगढ़ द्वारा हरियाली और प्रदूषण, डॉक्टर अजय मौर्य गोंडा उत्तर प्रदेश द्वारा वन संरक्षण अधिनियम 1980, संतोष बैस सूरजपुर छत्तीसगढ़ द्वारा भारतीय वन संरक्षण अधिनियम 1927, डॉ विनय सिंह देवसर मध्य प्रदेश द्वारा भारतीय वन अधिनियम धारा 26, डॉक्टर बी एन दुबे मिर्जापुर उत्तर प्रदेश द्वारा हरियाली से पर्यावरणीय लाभ, डॉ संतलाल अयोध्या उत्तर प्रदेश द्वारा हरियाली से सामाजिक लाभ, श्री अनिल कुमार पासवान सोनभद्र उत्तर प्रदेश द्वारा हरियाली और आश्रय पर प्रकाश डाला गया. इनके साथ ही उत्तर प्रदेश से सर्व श्री अशोक कुमार आवक प्रवक्ता राजकीय इंटर कॉलेज पिपरी सोनभद्र, अजय कुमार सिंह प्रवक्ता यस यस महाविद्यालय मिर्जापुर हृदेश कुमार सिंह ए आर पी रावटसगंज सोनभद्र और वीरेंद्र अकेला बलिया श्याम बिहारी मधुर सोनभद्र ने भी हरियाली आंदोलन के शुरुआत की सराहना करते हुए कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कही. सभी वक्ताओं ने डॉक्टर बृजेश महादेव द्वारा संचालित हरियाली आंदोलन की प्रशंसा करते हुए लोगों से पर्यावरण संरक्षण की अपील की. अंत में डॉ बृजेश महादेव ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए बताया कि अब तक हजारों लोगों ने हरियाली आंदोलन के तहत पर्यावरण संरक्षण की शपथ और संकल्प ले चुके हैं और यह अनवरत जारी है.
