Meenakshi Kilawat

Inspirational

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Meenakshi Kilawat

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हमारे जीवन में योगसाधना

हमारे जीवन में योगसाधना

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हमारे जीवन में आज योगसाधना की बौहूत जरूरत है। फिलहाल ही 21जून 2019 को योग दिवस मनाया गया है। करीबन 150 देशों में बड़े जोर शोर से स्कूलों में कॉलेजो में मनाया गया है। पंतप्रधान मोदीजी रांची 40 हजार लोगों के साथ में योग दिवस मनाया । झारखंड,लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय योग शिविर में पंतप्रधान नरेंद्र मोदीजी खुद जाकर अपना अनमोल समय दिया है। भारत समें त दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया।


हमारे महाराष्ट्र नांदेड़ में मुख्यमंत्री महोदय फडनविसजी ने बड़े जोर शोरसे स्वामी रामदेवजी के साथ में योग दिवस मनाया।साथ में अनेक नेतागण तथा आम नागरिक, विद्यार्थी, शिक्षक इन सभी लोगों ने योगा का लाभ लिया और अपने जीवन में योगा करने का का प्रण किया।

साथ साथ में प्रकाश जावड़ेकर तथा कुलगुरु डॉ. उद्धव भोसले अन्य कार्यकर्ता थे।सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए योगा का जीवन में बहुत बड़ा लाभ है। ऐसा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रीने कहा तथा स्वामी रामदेवजी ने योगा के सब आसन दिखाएं। स्कूलों एवं कॉलेजों में हर रोज योगा करना चाहिए।ऐसा फडणवीस जी ने अपने भाषण में कहा। हमें हमारा शरीर तनमन स्वास्थ्य रहना चाहिए इसलिए योगा को अपनाना चाहिये। 

 

हमारे प्रधानमंत्री स्वास्थ्य के लिए जागरुकता रखते है।आज के दौर में पंतप्रधान मोदीजी ने व्यायाम एवं योग को बहुत महत्व देकर बढ़ावा दिया है। मोदीजी इतने व्यस्त रहने के बावजूद योगा, व्यायाम को समय देते हैं। साथ साथ में पूरे देश दुनिया में योगा का संदेश एवं महत्व समझाते हैं। पीएम मोदी जी ने यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली प्रपोजल देकर 2015 पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवसको अपने अथक प्रयासोसे योग साधना को जनकल्यान माध्यमोसे  उंचाईपर लेजाने का प्रयास सार्थक किया है। स्वत: मोदीजी अंतरराष्ट्रीय योग शिविर में उपस्थित होकर अपने भाषण में कई खास बातें कही सुनकर लोगबाग खुशी से झूम उठे। पीएम मोदीजी अनेक उदाहरण देकर कहा!"बिना नमक के जैसे अन्नमें स्वाद नही । उसी तरह योग के बिना जीवन नही।" योगा दिवस पर लाखों की संख्या में बरसात में भी लोगों ने सूर्य नमस्कार किया है। तथा अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाने खातिर अनेक प्रकार के योगा तथा व्यायाम किए हैं। ऐसे ही हर दिन नित्य योगा करने से हमारा देश का बच्चा- बच्चा सूरज के सामान बुद्धिमान सुंदर स्वस्थ तथा स्वाभिमानी हो जाएगा। फिर हमें किसी बात का भय या डर नहीं रहेगा। कोई भी बुरी आँख से अपने देश की और नहीं देखेगा क्योंकि यहां के हर जवान महिलाएं, बूढ़े बच्चे शूरवीर ताकत से भरपूर बलवान ज्ञानी हो जाएंगे। इसीलिए योगा का महत्व हमें जानकर सुदृढ बनना चाहिए।

कुछ लोगों को योगा का महत्व नहीं पता लेकिन चाहे तो वह हरतरह से किसी भी काबिल योगाचार्यको गुरु बनाकर शिक्षा ले सकते हैं।तथा अभ्यास कर सकते हैं। 

हर जगह गांव में शहरों में कहीं पर भी मुफ्त योगा ध्यान शिविर हो रहे हैं। इसका लाभ हम ले सकते हैं, पतंजलि योग शिविर में अच्छा मार्गदर्शन होता है।ऐसे कई समाजसेवी लोग अपना समय देकर योगा को बढ़ावा दे रहे हैं। जहां-तहां योग शिविर दिखाई दे रहे हैं।बिना मानधन के अपनी सेवाएं देकर पुण्य के भागीदार बनने जा रहे हैं। अगर हम पूर्ण अभ्यास योगभ्यास कर लेते हैं, तो जरूरत मंदों को हम अपनी सेवाएं मुहैया करवानी चाहिए। और सहकार्य करना चाहिए। वैसे तो सरकार भी पूरी तरह इस कार्य में समर्पक है। फिर भी जनता ने सहयोग देने की इच्छा रखनी चाहिए।


आज के दौर में हमें ऐशो आराम की आदत हो चुकी है।यहां कोई अमीर नहीं ना कोई गरीब है। सबके यहां सुख सुविधाएं दी दिखाई देती है। इंसान आराम फरहस्त हाो गए है। कई लोग जरूर काम पर भी जाते हैं लेकिन ऑफ़िस में बैठ कर कार्य करने से शरीर को तकलीफ होने लगती है।इसीलिए कुछ एक्सरसाइज योगा करके हम तंदुरुस्त रहे सकते हैं। घरेलू स्त्रियाँ को भी अपने सेहत का ध्यान रखते हुए।सुबह जल्दी उठकर कुछ एक्सरसाइज या थोड़ी देर योग साधना जरूर करनी चाहिए।"हमारे पास जरा भी समय नहीं का नारा बहुत पुराना हो चुका है"। आज भारत में कई लोगो ने योगा को अपना लिया है और कुछ लोग योगा की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। उन सभी लोगों ने योगा का महत्व जान लिया है। समय निकालने से ही मिलता है। योगा के लिए समय निकालना अपना जीवन सुंदर स्वस्थ बनाना है।" फुर्सत नहीं तो व्यायाम भी नहीं " असंख्य बीमारियों के हम शिकार होते जा रहे हैं। उदार मन से हम आज से अभी से योगा को अपनाते हैं।और अपने साथ अपने दोस्त भाई सगे संबंधीयो को भी योगा की पहचान कराते है। अपने साथ उनको भी सुदृढ़ स्वास्थ्य सुंदर बनाने का प्रयत्न करते हैं।

"प्रथम सुख निरोगी काया" इस योग को हम अपने जीवन में सांझा करले तो हमारा जीवन शक्ति संपन्न तथा बलवर्धक निरोगी हो जाता है।" योग सबके लिए भी हर तरह से सुरक्षित है। योग आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक दृष्टि से हमारे लिए अनिवार्य है । 

सुबह सूर्य नमस्कार करने से सुंदर वह स्वास्थ्य शरीर मिलता है। यह हमारे लिए अनमोल खजाना है।

योग मस्तिक और शरीर को पोषक तत्व से भर देता है एवं प्रदीप्त कामनाएं प्रदान करता है।

हमारा शरीर पंचतत्व से बना हुआ है। इस वातावरण प्रदूषण भरा पड़ा है इसलिए हमारा शरीर कोई तत्व से पीड़ित रहता है।

योग हमारे मन के साथ दिल को तथा शरीर को भी अवश्य मजबूत बनाता एवं ऊर्जा से भरता है। 

योग हमें अपूर्व आनंद का अनुभव कराता है। जब कोई पीड़ा में या चिंता में होते हैं तब हमें उसमें से योगा ही बाहर निकाल सकता है।

जीवन में हमें मानसिक शांति की एवं शारीरिक बल की जरूरत होती है।

योग संयमीत तथा बलवान बनाता है। योग में ध्यान समाधि का बहुत ही महत्व बताया गया है। अगर हमें योग में तैराक की तरह डूबना निकलना है तो योग को मन से अपनाना चाहिए।

योग से शिक्षा-दीक्षा में बहुत लाभ पहुँचता है। चिड़चिड़ाहट दूर हो जाती है यह शरीर सुंदर चुस्त-दुरुस्त तरोताजा करके अंगोप्रत्यांगो एवं ग्रंथियों का पुनर्जीवन करता है। पूर्ण अंग सुचारू रूप से कार्य करता है। 


योग से मन प्रसन्न होकर खून का बहाव तेज हो जाता ,आत्मविश्वास बढ़ जाता है, हम कोई भी कार्य करने में पीछे नहीं हटते इस वजह से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है नींद एवं भूख भी अच्छी लगती है। पाचन क्रिया सुधर जाती है तनाव खत्म हो जाता है। जोड़ों के दर्द की समस्या नियमित योग से दूर हो जाती है। 


आने वाले भविष्य में हमें अपना शरीर बीमारियों से अगर बचाना हो तो योगा की मदद से वजन नियंत्रित रखना होगा।


योगा कई प्रकार प्रचलन में है जैसे मंत्र ध्यान, योगचक्र ध्यान,सप्तचक्र ध्यान ,उपवास ध्यान,शारीरिक श्वास पर केंद्रित ध्यान करना,कुंडलिनी योग के अनेक प्रकार है।विपश्यना, समाधि, विचार, वाणी वर्तन ,उपाधि, अष्टांग योग ध्यान योगसे हम सांसारिक दुखों से परे होते है,योग का दूसरा नाम परमात्मा से मिलना है। हमें अपने शरीर के अंदर ही योगा के जरिए परमात्माको पा सकते हैं।योगा करके हम जीवन की कोई भी इच्छाएं पुरी कर सकते हैं।हमें कुछ प्राप्त करने के लिए कहीं और जाने की जरूरत नही पड़ती योग हमारा ध्यान रखता है। ज्ञान बढ़ाता योग हमारे भीतर ही होता है।यह योग लोभ, मोह, माया से दूर करता एवं निर्विकल्प बनाता है।योग हमारे अंदर की कसमसाहट जलन प्रवृत्ति कम करता और हमारे अंदर लहलहाता सावन तथा निर्मल प्रकाशधारा भरता है।यहां अनेक प्रकार से योग साधना की जा सकती है। योग हमारे जीवन में खुशियां भर कर हमें श्रेष्ठता देता है। सात्विकता शुद्धता और आचरण इसके परिणाम स्थाई होते हैं। योग चिकित्सा अहंकार,आसक्ती मिटाकर अद्भुत आनंद देता है।एवं ईश्वर का शाश्वत दर्शन कराता है।योग प्रत्येक इंद्रिय को सक्रिय करता एवं इंसान को ऊंची उड़ान भरने काबिल बनाता है। यह योग का अंतरप्रयोग, बाह्य प्रयोग बुद्धिमत्ता तथा पद प्रतिष्ठा दिलाता है।


कुछ लोगों को योगा का महत्व नहीं पता लेकिन चाहे तो वह हर तरह से किसी भी काबिल योगाचार्य को गुरु बनाकर या प्रशिक्षीतसे प्रशिक्षण ले सकते हैं।तथा अभ्यास कर सकते हैं। 


हर जगह गांव में शहरो में कहीं पर भी मुफ्त फ्री में योगा ध्यान शिविर हो रहे हैं।इसका लाभ हम ले सकते हैं।पतंजलि योग शिविरमें अच्छा मार्गदर्शन होता है। ऐसे कई समाजसेवी लोग अपना समय देकर योगा को बढ़ावा दे रहे हैं। जहां-तहां योग शिविर दिखाई दे रहे हैं।बिना मानधन के अपनी सेवाएं देकर पुण्य के भागीदार बनने जा रहे हैं। अगर हम पूर्ण अभ्यास योगभ्यास कर लेते हैं तो जरूरत मंदों को हम अपनी सेवाएं मुहैया करवानी चाहिए। और सहकार्य करना चाहिए।


वैसे तो प्रशिक्षण शिविरों को तथा योग शिविरों को शासकीय मदद मिलती है।यहां सब फायदे आप ले सकते हो


    


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