Meenakshi Kilawat

Inspirational

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Meenakshi Kilawat

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हिंदी दिवस

हिंदी दिवस

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हिंदी एक भाषा है यही हिंदुस्तान की पहचान है हिंदी भाषा भारत की राष्ट्रभाषा है। हिंदी भाषा बोलचाल में शहद की तरह मधुर है यह भाषा हिंदुस्तान के कोने कोने तक फैली है। कई वर्षों से यह भाषा भारत के जनमानस में प्रचलित है। हमारे महाराष्ट्र के संतों ने संत ज्ञानेश्वर, संत नामदेव और अनेक संतोने हिंदी भाषा के लिए विस्तार पूर्वक रचना करके अपने साहित्य में हिंदी भाषा को महत्वपूर्ण स्थान दिया।


 हिंदी भाषा हमारे जीवन मूल्य की धरोहर है संस्कृति की सच्ची पहचान तथा संस्कारों की खान है। पारम्‍परिक ज्ञान, प्राचीन सभ्‍यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक जुड़ाव भी है। सबसे पुरानी विज्ञान भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में दिखाई देते हैं। यह विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी भाषा से सुगम और सरल कोई भाषा दुनिया में अपना अस्तित्व नहीं बना पाएगी।


 हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने का शुरुआती प्रयास अनेकों दिग्गजों ने किया। कहते हैं प्राचीन काल में संस्कृत भाषा बोली जाती थी वह परमात्मा की भाषा समझी जाती रही। संस्कृत भारत की राष्ट्रभाषा थी लेकिन संस्कृत कठिन होने की वजह से जनमानस में प्रचलित नहीं हो पाई और हिंदी की तरह दिलों पर राज नहीं कर पाई।


साल 1947 में जब अंग्रेजो की हुकूमतशाही से भारत स्वतंत्र हुआ तब भाषा को लेकर सबसे बड़ा विवाद था। क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियाँ बोली जाती है। फिर भारतीय संविधान बना संविधान 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हुआ और हिंदी भाषा को उसका सिंहासन मिल गया। हिंदी भाषा यह भारत की संवैधानिक राष्ट्रभाषा है इसे हम 14 सितंबर को त्यौहार के रूप में मनाते हैं ।

  

हिंदी भाषा यह भारत की शान मानी जाती है।हिंदी के बिना यहां का पत्ता भी नहीं हिलता। पूरी फिल्म इंडस्ट्रीज हिंदी के गुण गाता है और हिंदी भाषा की वजह से संगीतमें भी बहुत तरक्की हुई है। हिंदी भाषा की वजह से फिल्म इंडस्ट्रीज में हजारों लाखों लोगों को काम मिला और उसी की बदौलत हिंदी को आधार स्तंभ मानते हैं।

हमारी राष्ट्रभाषा भारत के प्रमुख राज्य जैसे मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश में प्रमुख रूप से बोली जाती है।कालांतर में हिंदी भाषा में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।और विकसित भी तथा एक समृद्ध भाषा बन गई। भाषा के रूप में इसका क्षेत्र परिपूर्ण अपार साहित्य है। 


हमारे देश के अलावा कई अन्य देशों में बोली जाती है ।जैसे पाकिस्तान मॉरीशस, गयाना, नेपाल, चीन फिजीमें बोली जाती है।जहां-जहां भारतीय जाते हैं वहां वहां हिंदी का माहौल बन जाता हैं और यह हिंदी भाषा इतनी ज्यादा प्यारी है कि सबको उस भाषासे मोहब्बत हो जाती है।नहीं ज्यादा जान पाए तो भी हिंदीकी शेरो शायरी और गीतों को कुछ लोग कंठस्त करके गुनगुनाते हुए दिखाई देते हैं गीतों की सुरीली महफिले जहां तहां अपना हिंदी का जलवा बिखेरती आगे को बढ़ती हुई दिखाई देती है। 


विदेशों में भी हिंदी भाषा बोली जाती है अमेरिका, अफ्रीका,कनाडा, न्यूजीलैंड,सिंगापुर,जर्मनी,ब्रिटेन, जहां भारतीय कार्यरत है वहीं पर हिंदी भाषा का प्रयोग होता है। वहां विदेशी लोग बड़े भाव से हिंदी बोलते हैं। व्यवसायिक दृष्टि से देखा जाए तो फिलहाल रेस्टुरेंट, रिसोर्ट सभी पर्यटकों के हिसाब से आवभगत करते है। मेहमान नवाजी में कोई कसर ना रह जाए इसीलिए हिंदी भाषी को तुरंत काम मिलता है। ताकि बिज़नेस में उन्नति की जा सके और दूरियाँ मिटाने के लिए भाषा का प्रयोग करके पर्यटकों के दिल में स्थान बना सके यही सोचकर हिंदी भाषा पूरे विश्व में फैल रही है। 


विश्व में एकमात्र हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जो की सबसे अधिक तेज गती से दौड़ती नजर आती है हवा के तेज झोंके की तरह प्रसारित होती है।अनगिनत भाषाओं में हिंदी भाषा के बोले जाने में लगभग 95% टक्के की दर से वृद्धि हुई है। यह सूरज की किरणों की तरह फैलती ही जा रही है।चाहे कुछ भी हो जाए हिंदी का परचम लहराता ही रहेगा । साहित्य की दुनिया में सभी भाषाओ के को हिंदी ने पीछे छोड़ दिया है। 


हिंदी भाषा ने इन्टरनेट की दुनिया में तहलका मचा दिया है। कंप्यूटर और मोबाइल के रहते पूरे विश्व में गूगल ने भी वर्ष 2009 में हिंदी भाषा को अपना कर हिंदी की लोकप्रियता को बढ़ा दिया है। लोग घर बैठे इन्टरनेट पर विश्व की कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते है जिसके कारण कंप्यूटर में भी हिंदी भाषा उफान पर है और तेजी से प्रचार-प्रसार का माध्यम वैसे ही फेसबुक भी हिंदी लोकप्रियता का त्रिवेणी संगम है।


हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अनेको बार आंदोलन हुए है दयानंद सरस्वती ने, महात्मा गांधीजी ने भी आंदोलन चलाये थे स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रयासरत रहे इनमे कई नाम शामील है काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्द दास और राजेन्द्र सिंह आदि लोगों ने बहुत से प्रयास किए है।


किताबों का हिंदी अनुवाद या वेबसाइट डेटा का हिंदी अनुवाद जैसे कई ट्रांसलेशन के लिए हिंदी ट्रांसलेटर्स की सबसे ज़्यादा डिमांड पब्लिशिंग हाउसेस में होती है. क्योंकि इन्हें अपनी किताबों को हिंदी में अनुवाद करना होता है। पैसा भी अच्छा कमाया जा सकता है आप इसे अपने करियर के तौर पर चुन सकते हैं कई मीडिया में सिर्फ ट्रांसलेशन के लिए candidatesकी जरूरत होती है। 


हिंदी भाषा एक महासागर है अनगिनत भाषाएं महासागर में मिलने वाली नदिया है।हिंदी भाषा की अनेक गुण गौरव गाथा प्रसिद्ध है।यह चमत्कारिक रूप से किसी को भी अपना बना लेती है। हिंदी दिवस के अवसर पर हमें अनेक कार्य करने तथा हिंदी प्रतियोगिताएं भी आयोजित कर जनमानस में हिंदी का प्रभाव और भी बढ़ता जाएगा।


वर्तमान में हिन्दी का विकास सम्भव है क्योंकि कोई भी भाषा का प्रयोग तभी सफल होता है जब छोटे बड़े उसमें हिस्सा लेकर उस भाषा के प्रति प्यार बरसाए ताकी वह भाषा की मधुर आवाज़ जनता को आकर्षित कर सके और यह सब हमें ही करना है "उठते,बैठते, जागते हम हिंदी बोले तथा हिंदी बुलवाएं" और वह इतनी छा जानी चाहिए तभी हम किसी दूसरे भाषा का वर्चस्व हटा सकते हैं ।


हां ध्यान रहे अपनी जन्मभूमि हिंदुस्तान है कभी भी हिंदी भाषा को ना भुलाए और एक संघ होकर मज़बूती से दामन थामकर हिंदी भाषा को एकता में पिरोए। हिंदी दिवस के दिन पर यही गुज़ारिश रहेगी कि हम जहां खड़े हैं कम से कम उसके चारों ओर हिंदी के बीज ज़रूर बोए इसे खूब फैलाए ताकी जिधर देखो उधर हिंदी भाषा ही सुनाई देती रहे।

  

 



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