हे नमन उनको
हे नमन उनको
देश के अलग अलग प्रान्तों में जन्मे वीरों ने अपनी अपनी भूमिका निभाई थी।कई वीरों के नाम है।उन नामों में एक जानकारी के मुताबिक ऐसे नाम भी है जो बहुत कम पढ़ने में आए है।बहुत से नामों मे से जो मालूम है वो इस प्रकार से है।मालवा -निमाड़ क्षेत्र के वीरों की अमर गाथा जिन्होंने अग्रेजों से मुकाबला कर स्वाधीनता दिलाई थी। उन शहीदों में अमझेरा के राणा बख्तावर सिहंजी, इंदौर के भगीरथ सिलावट और सआदत खाँ,बड़वानी रियासत के पंचमोहली गांव के भीमा नायकजी और उनके साथी मोवसियाजी,रेवलियाजी नायक एवं बड़वानी के ही खाज्या नायक जी जो की सेंधवा घाट के नायक रहे।
बड़वानी के सीतारामजी कंवर और रघुनाथसिंह जी क्रांतिकारियों में धार की रानी जीजाबाई,रानी कभी भीमराव भोंसलें तथा धार राज्य के दिवान रामचंद्र बापू, गुलाबराय कामदार, सलकूराम पटवारी भोपावर,मोहनलाल कामदार टांडा, कुंवर भावै सिंह मुसाहब,चिमनलाल वकील,मालवा निमाड़ के आदि अनेक क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों और उन्हें देश से बाहर निकालने में अपनी भूमिका निभाई थी।
इनके अलावा मालवा निमाड़ के राघोगढ़,महिदपुर,ग्वालियर आदि क्षेत्रों के क्रांतिकारी जुड़े।क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े श
हीदों और रण -बाँकुरों के बलिदान का स्मरण करना आवश्यक भी है और हमारा कर्तव्य भी है पुरुषों में देशभक्त, साहसी, वीर मातृभूमि के लिए शहीद हुए उन्हें नमन।वही महिलाओं में भारत की महान वीरांगनाएँ -वीरांगना वीरमती, महारानी लक्ष्मीबाई, महारानी अहिल्याबाई,रानी दुर्गावती, राजमाता जीजाबाई,महारानी कर्मवती, रानी चेन्नमा, रानी सारंधा, नारी रत्न येसुबाई, वीरांगना वेलु नाचियार, वीरांगना भीमा बाई, बेगम हजरत महल, क्रांतिकारिणी कामा, रानी गिंडालो, पार्वती देवी, महाराणा प्रताप की जननी, दुर्ग रक्षिका राजकुमारी, स्वतंत्रता सेनानी शहीद प्रीति लता वीरांगनाओं ने देश का मस्तक कीर्ति ,गौरव और यश से देशभक्ति निभाकर वीरता से दुश्मनों को पराजित किया। इनकी पुनीत प्रेरणादायी भावनाओं और गुणों को हम सब याद करते हुए नमन करते है।
स्वाधीनता के लिए शहीदों का श्रद्धा से स्मरण कर अपने मन मे देशभक्ति से युक्त संस्कारों की ऊर्जा भरकर इतिहास पर गर्व करें । साथ ही खुद पर गर्व करें की हमने भारत की भूमि पर जन्म लिया है। जहाँ की माटी का महत्व व देश भक्ति क्या होती है का पाठ पढ़ाया जाता है। देश के अमर शहीदों और रण -बाँकुरों को नमन।