हार्टबिट्स चेप्टर-५

हार्टबिट्स चेप्टर-५

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आगे देखा,

आरोही ओर प्रिया क्लास में लेट आती है तो EEE के सर उसे लेट आने की वजह पूछते है। थोड़ी देर बाद सर आरोही को एक प्रॉब्लम सोल्व करने को बोलते है लेकिन उससे वो हो नहीं पाता तो सर प्रेम को सोल्व करने को कहेते है और वो तुरंत ही कर देता है ओर आज के पुरे लेक्चर्स में एसा ही होता रहा। जैसे ही लेक्चर्स खत्म हुवा तो सर ने आरोही को एक प्रॉब्लम होमवर्क में दिया और कहा की कल मुझे किसी भी हाल में इसका सोल्यूशन चाहिए, और तुम्हे नहीं आता है तो तुम मेरे पास आकार या प्रेम के पास जाकर आज सिख सकती हो इतना बोलकर सर क्लास से बहार निकल गए। प्रिया आरोही को प्रेम के पास जाने को बोलती है पर वो न कह देती है तो प्रिया उससे प्रेम के पास जाने को कहती है लेकिन आरोही अनसुना करकर अपने फोन में इश्क वाला लव सोंग प्ले कार देती है...।

अब आगे,

हम दोनों बाते कर रहे थे तब प्रेम जहाँ पर बेठा था वहाँ से जोर जोर से आवाजे आने लगी क्योंकि वहाँ पे प्रेम के दूसरी ब्रांच के फ्रेंड्स आ गए थे।

अरे, यार ये लोग कम आवाज नहीं कर सकते, क्या ?प्रिया मेरी उन सब की तरफ देख के बोली

नहीं।

क्या ?

नहीं कर सकते ये लोग आवाज बंध।

तो, अब तुम्हे क्या करना है, प्रेम के पास जाना है की सर के पास ?

सुन, प्रिया..जैसे ही में बोलने गई तो अचानक जोर जोर से“मुग़ल-ऐ-आजम फिल्म का “प्यार किया तो डरना क्या” की जोर जोर से किसि के चाइना से ये गाना सुनाई दिया और वो भी प्रेम जहाँ पर था वहाँ से, ये सुनकर में इरिटेट होने लगी तो मैंने मेरे फोन में प्ले हुवा सोंग इश्क वाला लव बंद करके प्रिया को लेकर क्लास से बहार निकल गई।

सुना, आरोही तुमने?

क्या ?

की प्रेम का दोस्त बोला ये, साले प्रेम ये तूने क्या किया ?क्यों एसा गाना बजाया ?नाराज कर दिया उसको, चली गई ना बहार...

हां, तो ?

ओ, तेरी मतलब प्रेम ने मुझे ये क्लू दिया ?

वो, मुझे नहीं पता लेकिन ये गाना प्रेम ने प्ले किया था उतना पता चला।

ओके, लेकिन सोच न ये क्लू भी तो हो सकता है।

पर क्यों सोचु, एसा ?

क्योंकी सर ने मुझे कहा था की तुम प्रेम के पास जाकर सिखलेना।

हां, तो ?

तो, वो जान गया होगा की मुज में उतनी हिम्मत नहीं है उसके सामने बात करने की इस लिए...

तो, मेरी माँ उसमे प्यार बिच में कहाँ से आ गया ?प्यार किया तो डरना क्या ये सोंग लवर्स के लिए है और तुजे वहाँ पढाई करने के लिये जाना है।

हां, तो क्या हुवा ?क्लू क्लू होता है।

ओह्ह गॉड!!!

क्या ?

मतलब, ये एकतरफी प्यार करने वाले कहिना कही से क्लू ढूंढ ही लेते है..अगर उसने मेरी और देखा तो वो मुझसे पसंद करता है...अगर उसने मेरी और हंसके देखा तो वो डेफिनेटली मुझसे से पसंद करता है...अगर उसने मेरे साथ हाथ मिलाया तो जिंदगीभर मेरा हाथ थाम ने के लिए तैयार है वगेरा वगेरा.....

बस, कर प्रिया तू ना समज पाएगी की “मुझे उससे प्यार कितना..”

मगर, उससे तुमसे कितना ?

हम लोग बात कर रहे थे की प्रेम के फ्रेंड्स क्लास से बहार आये ओर मेरी तरफ देखने लगे तो प्रिया मेरी तरफ देख के बोली,

ये, सब तुम्हे पसंद करते है इसमें से कोई पसंद करले।

अरे, तुम्हे जो भाव दे उससे प्यार करने में उतना मजा नही जो तुम्हे भाव ना दे उससे प्यार करने में है...

लेकिन, असली मजा आप जिससे प्यार करते हो उसके साथ रहेने में नही, जितनी आपको जो प्यार करता है उसके साथ रहेने में है।

लेकिन, जो दो लोग एकदूसरे से ही प्यार करते हो व्ही लोग मिल जाए तो ?

तो, अच्छा कुछ भी नही..लेकिन एसा मौका बहोत कम लोगो को मिलता है।

ब्रेक के बाद में ओर प्रिया वापस अपनी जगह पे आके बैठ गए हर लेक्चर्स की तरह आगे के सभी लेक्चर्स में भी कभी प्रेम की तरफ तो कभी बोर्ड की तरफ देखने में ही पूरा दिन निकल गया।

कोलेज के पुरे दिन में उसको देखते ही सुकून मिलता था और रात को उसके बारे में सोच के सुकून मिलता था। हररोज किसि भी तरह से प्रेम से आँखे मिलाया कर थी, कोई भी छोटी सी छोटी बातो में भी में क्लू ढूढ़ लेती थी और सबसे खास हररोज रात को अपने आप से वादा करती थी के कल तो किसी भी हाल में प्रेम से बात तो करके ही रहूंगी और हररोज वो वादा तोड़ दिया करती थी अब हररोज का ये मेरा टाइमटेबल हो चूका था।

6 Months Later(2nd Semester)

इन सब में कब कोलेज में पहेला सेमेस्टर ख़त्म हो गया वो पता ही नही चला और इस सेमेस्टर में सब कोलेज की तरह हमारे कोलेज में भी एन्युँल इवेंट हुयी जिसमे मेने स्पोर्ट्स इवेंट में चेस और कल्चरल इवेंट में फोक डांस में भाग लिया। मेरी इच्छा प्रेम के साथ स्टेज पे डांस करने की थी लेकिन वो ये सब इवेंट अरेंजमेंट में बीजी था तो उसने ये पूरी इवेंट में भाग ही नहीं लिया था।

इस पुरे इवेंट में, पूरी कोलेज से चेस में विजेता हुयी और कल्चरल इवेंट में मुझे इसके लिए सब के सामने सर्टिफिकेट के साथ मैडल मिला तो सब लोगो ने मुझे बधाईयाँ दि लेकिन मुझे इन सब की बधाईयाँ मिलने या न मिलने से कोई फर्क नही पड़ने वाला था क्योंकि मुझे सिर्फ एक ही से बधाईयाँ चाहिए थी और वो था प्रेम....

प्रेम

मेरा पिछला पूरा सेमेस्टर आरोही के बारे में ही सोचने में निकल गया। हररोज हर लेक्चर्स में बस अधिकतम प्रयास उसकी नजर से नजर मिलाने की करता रहेता था। मिड एक्जाम में वो मेरे आगे या पीछे आने वाली ही नही थी क्योंकि हमारे एनरोलमेंट नंबर में काफी सारा गेप था, पर GTU की एक्जाम वो मेरे आगे या पीछे आ जाये एसी भगवान से प्राथना कर रहा था ताकि उस बहाने उससे कुछ बात कर सकू लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था, तो इस बार प्राथना भी काम ना आई और अब मेरे पास अगले सेमेस्टर का वेइट करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नही था।

इस सेमेस्टर में सब कोलेज वालो एन्युँल इवेंट सेलिब्रेट कर रहे थे सो में भी हमारे कोलेज की इवेंट का वेइट करने लगा ताकि में उसके साथ इस बहाने बात कर सकू या एसी कोई इवेंट भाग लू जिसमे दो लोग की टीम की जरुरत हो और मेरी दूसरी पार्टनर उसे बनाऊ लेकिन यहाँ पर भी भगवान को कुछ अलग ही मंजूर था क्योंकि हमारे प्रिंसीपल ने इवेंट करने से ही मन कर दिया और कहा अगर आप करना चाहते हो तो आप पूरी इवेंट को मेनेज करो हम जितना भी खर्च होंगा वो देंगे। 

फिर हमारे पास कोई रास्ता नहीं था इस लिए हम सब स्टुडनट ने मिलके ये इवेंट करने का प्लान किया ओर पूरी इवेंट मेनेज की, इसके चक्कर में हम में से कोई भी इसमें पार्टिसिपेट नहीं कर सका। एक बार फिर से मेरा आरोही से बात करने का प्लान नाकाम हो गया।

इस पूरी इवेंट मेंने पार्टिसिपेट नही किया था लेकिन फिर भी मै खुश था क्योंकि इस इवेंट में आरोही ने तो पार्टिसिपेट किया ही था लेकिन साथो साथ वो चेस में जीती भी थी, उसको उसका मैडल कल्चरल इवेंट में मिला वो भी पुरे कोलेज के सामने उससे ज्यादा ख़ुशी मेरे लिए क्या हो सकती है...कुछ भी नही..

इवेंट के बाद सब एक एक कर् के उसे बधाईयाँ देने जा रहे थे बस एक में ही था जो दूर से ऐ सब देख रहा था। जाना मुझे भी था उससे बात करने का, उससे कोंग्रेचयुलेट करने का लेकिन मुजमे हिम्मत ही नहीं थी उसके सामने जाने की।

ए अजब सा होता है की आप जिससे पसंद करते हो उसके साथ ही बात करने में सबसे ज्यादा डर लगता है, बाकि आप किसी से भी कहीं पर भी, कभी भी बाते कर सकते है चाहे वो लड़का हो या लड़की..बस मेरे साथ भी वही हो रहा था।

मेरे सभी दोस्त भी जाकर आरोही को बधाईयाँ देके आये पर में अब भी वही पर खड़ा खड़ा सोच रहा था की दूसरी ब्रांच वाले भी जाके आ गए, और में तो उसीके क्लास में था फिर भी में नही गया ? थोड़ी देर बाद सोचने बाद तय किया की अगर में आरोही का प्रेम बनकर नही तो क्लास का CR होने के नाते तो मुझे जाना ही होगा और में चला आरोही की ओर.

आरोही

अब शायद ऑलमोस्ट सब लोगो से मुझे बधाईयाँ मिल चुकी थी इस लिए में प्रिया के साथ घर की तरफ जाने को निकली की अचानक मेरे पीछे से आवाज आई,

Excuse me…

ये, सुनते ही में ओर प्रिया दोनों साथ में पीछे मुड़कर देखा तो पीछे प्रेम खड़ा था.उसको देखके मुझे कुछ समज में ही नही आया की में क्या करू ?क्या न करू ? में सब सोच ही रही थी की वो मेरी आँखों में आंखे डालके एक अच्छी सी स्माइल के साथ बोला,

Congratulations, Aarohi..i am proud of you.

में प्रेम को सामने देखके कुछ बोल ही नही पा रही थी, ओर मेरी हालत के बारे में प्रिया अच्छी तरह से वाकेफ थी तो वो भी प्रेम की बातो में सहमती दिखाते हुये मेरी तरफ देखकर बोली,

I am also Proud of you my friend…

प्रिया की वजह से मुझे थोड़ी सेकेंड मिल गए तो मैंने एक लम्बी साँस लेकर प्रेम की आँखों में आँखे डाल के बोली,

Thank you very much…

 My pleasure and have a fantastic life ahead, Ba’byeJ.इतना बोलकर वो निकल गया पर मुझे दुनिया की सबसे ज्यादा ख़ुशी देके चला गया।

चलो, अब वो गया। प्रिया ने मुझसे कहा

मुझे, पता ही था की वो जरुर आएगा मुझसे बात करने ओर देखो वो आ गया।

ओह, मिस वो तुम्हारी तरह सोच के नहीं आया था, वो क्लास के CR होने के नाते उसका फ़र्ज़ बजाने आया था।

वो, जो भी हो प्रिया उसने मुझसे बात की वो जरुरी है।

ओके, तो अब सोचती रहो उसके बारे में ओर क्या।

लेकिन, वो Congratulation हाथ मिलकर नही कर सकता था, क्या ?

इन्सान का प्रॉब्लम ही यही है जितना मिलता है उतने में खुश ही नही होते, अभी तक बोल रही थी की वो मुझे विश करदे तो दिन बं जाये, ओर अब बोल रही हो हाथ मिला लेता तो क्या जाता ?

बस, प्रिया अब डिस्टर्ब मत कर चल जल्दी से घर चलते है।

ओके, जैसे आप

प्रेम

जब में आरोही की तरफ आगे बढ़ रहा था की मेरे पैर अटक अटक के चल रहा था क्योंकि एक तरफ उसके साथ बाते करने की ख़ुशी थी ओर दूसरी तरफ डर भी था, अब इस कोम्बिनेशन को क्या बोलू वो तो समज में नही आ रहा था, और कन्फ्यूज था की क्या बुलाके उसको रोकू, क्योंकि वो पार्किंग तरफ अपनी फ्रेंड्स के साथ आगे बढ़ रही थी। अब उसको आरोही रुको एसा कहकर रोकूँ, या कुछ और ? ये सब सोचते सोचते में ठीक उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया ओर बोला,

Excuse me…

ये सुनते ही वो दोनों रुक गए तो मैंने भी जो काम करने के लिए गया था वो पूरा कर दिया। लेकिन मेरा मन था की वहाँ पर कुछ ज्यादा समय बिताने को बोल रहा था लेकिन दिमाग मान नहीं रहा था क्योंकि वहाँ खड़े रहकर करने के लिए बातें नही थी। जैसे तैसे मैंने अपने आप को संभाला और जल्द से जल्द वहाँ से निकल गया। आरोही के साथ बात करके मुझे कुछ अलग सी ही फीलिंग्स हो रही थी, में मन में ही मन में जितनी बात करी हुयी थी वो सोच सोच के में अकेला अकेला मन में हंस रहा था।

रात को घर जाकर भी में कुछ अलग सा बिहेव कर रहा था वो मुझे तब पता चला जब मम्मी ने मुझे कहा, अब मम्मी को तो नही बोल सकता ना के इसके पीछे की वजह आरोही थी। आज रात को तो नींद ही नहीं आनेवाली थी वो में समज गया था, ओर हुवा भी एसा क्यों की रात को जब में सोने के अपने बेड पर सोया तब आंखे खुली, नजर ऊपर ओर मेरे पास रखे हुये फोन से बजता हुवा शायद उसका फेवरिट इश्क वाला लव बज रहा था। आज में पहेलिबार कोई सोंग के लिरिक्स पे ध्यान दे रहा था क्योंकि आज तक तो मैंने सिर्फ गाने सुने थे तो सिर्फ उसके म्यूजिक के लिए, अब तो कल सुबह जल्दी से जल्दी कॉलेज जाके फिर से बाते करने का मन कर रहा है।


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