गरीब आदमी की कहानी
गरीब आदमी की कहानी
रविवार का दिन था, मैं घर पर अकेला बैठा था ।शाम का वक्त हो रहा था और काम करने का मन नहीं कर रहा था ।अचानक मैंने सोचा कि चलो थोड़ा बाहर घूम के आते हैं। वैसे भी रोज ऑफिस और घर के अलावा कुछ सोच नहीं पाते हैं। ऐसे में जब मैं घर से निकला तो देखा कि बहुत सारे लोग अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए बस और टेंपो का इंतजार कर रहे थे। तभी मुझे एक अचानक छोटा सा लड़का दिखा जो फटे पुराने कपड़े, पहने हुआ था।
कम से कम उसकी उम्र 10 से 12 साल होगी ।वह लड़का भूख से बेहाल लोगों से खाने के लिए कुछ मांग रहा था। पर कोई कुछ भी देने को तैयार नहीं था ।फिर कुछ ही देर में वो लड़का आगे चला गया और मैंने देखा एक व्यक्ति से पानी मांग रहा था, ऐसा लग रहा था की वह बहुत प्यासा हो लेकिन उस व्यक्ति ने पानी देने से इनकार कर दिया अचानक एक कार वहां पर आकर रुकी उस लड़के ने उम्मीद भरी नजरों से कारवाले से कुछ मांगा पर उस कार वाले ने अंदर से एक लिफाफा बाहर फेंका और वह लड़का दौड़कर लिफाफे की ओर भागा किंतु लिफाफा खाली था, उस लड़के ने लिफाफा फेंक कर निराश मन से आगे बढ़ा और तभी उसकी नजर एक पेड़ के नीचे बैठे आदमी पर पड़ी।
वह लड़का थककर उस पेड़ के नीचे आदमी के पास जाकर बैठ गया ।लड़के ने देखा कि वह भी उसकी तरह गरीब आदमी है जो पेड़ के नीचे बैठा था, तब लड़के ने अपनी तरह ही दैनिक स्थिति देखकर उससे बातचीत की और उसे अपनी स्थिति सुनाई फिर उस व्यक्ति ने अपने खाने के हिस्से में से कुछ उस लड़के को दिया और दोनों खाने लगे इससे साफ दिखाई देता है, कि अगर इंसान अमीर होने के बावजूद वह गरीब है अगर इंसान दिल से अमीर होता है,
वह गरीब है, तो उसके पास सब कुछ है कहने का मतलब है कि एक गरीब आदमी सब की तकलीफ को समझता है। क्योंकि उसके अंदर किसी भी बात की चाह नहीं होती है इसलिए वह सबको अपने जैसा समझता है, और बिना किसी स्वार्थ के सब की मदद करता है ।यहां पर मैं ऐसा नहीं कहना चाहता हूं कि सब अच्छे या बुरे होते है पर इंसानियत ही सबसे बड़ी दौलत है ।आखिरी हम सब एक ही तो हैं, जरूरत पड़ने पर हमें सब की मदद करनी चाहिए क्योंकि हमें भगवान ने उनसे अच्छा बनाया है जिनको रात में सोने को छत भी नसीब नहीं होता है ।व्यक्ति अपने व्यवहार से अमीर होता है।"
तुम्हारा चेहरा एक मुस्कान दे सकता है तुम्हारा मुंह किसी की प्रशंसा कर सकता है तुम्हारे हाथ किसी को जरूरतमंद की सहायता कर सकता है तुम कहते हो कि तुम्हारे पास कुछ नहीं है क्योंकि आत्मा की गरीबी वास्तविकता गरीबी होती है पाने का हक उसी को है जो देना जानता है" जो व्यक्ति किसी दूसरे के चेहरे पर हंसी और जीवन में खुशी लाने की क्षमता रखता है ईश्वर उसके चेहरे से कभी हंसी और जीवन मैं खुशी कम नहीं होने देता है, हाथों का सच्चा आभूषण ही दान है ।यह एक संदेश है कि जरूरतमंद लोगों की मदद करे' अमीर दिल से और इंसानियत से बने पैसों से नहीं।

