गर्भ से लेकर सड़क तक लड़कियाँ ( नारी जाती ) सुरक्षित नहीं है लानत है…!
गर्भ से लेकर सड़क तक लड़कियाँ ( नारी जाती ) सुरक्षित नहीं है लानत है…!
गर्भ से लेकर सड़क तक लड़कियाँ ( नारी जाती ) सुरक्षित नहीं है लानत है की हम ऐसे समाज में देश में रहते है जहा लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है और नहीं तो रेप कर के या दहेज़ के लिए उसे जला दिया जाता है | आखिर कब तक ? कब तक ? यह चलेगा….लड़कियों पे सवाल तुरंत उठाते है…लड़की ने ऐसे कपड़े क्यों पहनें पहने तो टैक्सी में क्यों गयी , टैक्सी में गयी तो उसे नींद क्यों आ गयी…अरे सीधा कह दो न ~ पैदा ही क्यों हुयी…?
लड़कियों पे समाज की सारी पाबंदिया थोप देते है और इस आज़ाद देश में हम आज़ाद हो कर भी लड़कियाँ आज़ाद नहीं है जब वो माँ के कोख से जन्म लेकर आज़ाद तो हो जाती है पर समाज के झूठे रीती रिवाज़ और कुछ घटिया मर्यादाओं में उसे कैद कर दिया जाता है….क्या यही है हमारी आज़ादी? क्या यही हे नारी जाती का सन्मान ? और तो और वे लड़कियों पे अपनी झूठी घटिया और बेहूदी सोच से ही वे अपने आप को महान और समाज का ठेकेदार समझते है और कहते है हम बहुत अच्छा काम करते है….अजी शर्म आनी चाहिए उन्हें ऐसा करते हुए ….क्या हमारी सरकार इतनी नकारा है और पुलिस इतनी कमज़ोर हो गई है की लड़कियाँ सुरक्षित नहीं और हमारा समाज और देश के लोग क्या हमारी माँ – बहन – बेटी की सुरक्षा नहीं कर सकते….वो लड़की एक ही सवाल पूछती है आखिर कब तक ये चलेगा कब तक सहूंगी ये मैं सब…?