Garima Maurya

Inspirational

3.5  

Garima Maurya

Inspirational

एकता में बल

एकता में बल

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एक वृद्ध पिता अपने तीन पुत्रों के साथ रहता था। तीनों पुत्र बहुत मेहनती थे पर आपस में झगड़ते रहते थे। एक दिन पिता ने सब बच्चों को बुलाया।

अपने बड़े पुत्र से पिता ने वह गट्ठर तोड़ने के लिए कहा। पुत्र अत्यंत बलशाली था। अपनी पूरी शक्ति लगाकर भी वह उसे तोड़ने में असफल रहा। बारी-बारी से अन्य पुत्रों ने भी अपना जोर आजमाया पर सभी असफल रहे। अब पिता ने गट्ठर को खोलकर उन्हें एक-एक लकड़ी उठाने के लिए कहा।

सभी पुत्रों ने गट्ठर में से एक-एक लकड़ी उठा ली। पिता ने पुत्रों से कहा, “इन्हें तोड़ो।” सबने बड़ी सरलता से अपनी-अपनी लकड़ियाँ तोड़ डालीं और आश्चर्य से पिता की ओर देखने लगे ।

मुस्कराते हुए पिता ने कहा, “मेरी मृत्यु के पश्चात तुम सब इसी गट्ठर की तरह इकट्ठे रहना। आपस में कभी लड़ाई नहीं करना। एकता बनाए रखना।


कोई भी शक्ति तुम्हें तोड़ नहीं पाएगी। यदि अलग हो जाओगे तो उस लकड़ी की भांति तुरंत टूट जाओगे।” पुत्रों को बात समझ आ गयी और उन्होंने प्रेम से साथ रहने का वादा किया।


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