एक मुलाकात ऐसी भी
एक मुलाकात ऐसी भी
ये बात हैं वीर के प्यार की शुरुआत की। "भाग-१ एक मुलाकात ऐसी भी"
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वीर नाम का लड़का है जो अपनी मां और छोटे भाई के साथ रहता है। वीर ज्यादा वक्त अपने कमरे में ही रहता था ना किसी से मिलना और ना किसी से ज्यादा बात करता था।
तब गर्मियों का वक्त था। उसके पास वाले घर में एक लड़की आई हुई थी अपने दादा-दादी से मिलने। उसका नाम खुशी था। दोनों एक-दूसरे से अनजान थे।
शाम का समय था तब वीर कुछ काम से बाहर गया हुआ है। तब खुशी वीर की मां से मिलने आई हुई थी। वो दोनों अपनी बातों में खोये हुए थे तभी वीर अपना काम करके घर आया। उसने देखा घर में कोई लड़की आई हुई है तब वो एक जगह आकर चुप हो के बैठ गया। जब दोनों की बातें खत्म हुई तब मां ने खुशी के बारे में सब बताया कि कौन है?, क्या करती है?, कहा से है? सब बताया।
तब खुशी और वीर ने पहली बार बात की। पहली मुलाकात में ही दोनों इतने करीब आ गये जैसे बचपन से एक-दूसरे को जानते हो। बातें हुई, साथ में खाना हुआ और दोनों ने साथ में कुछ फोटो लिए। दोनों समझ ना पाये पहली मुलाकात में इतने करीब कैसे? अब कितने महीने से बात कर रहे हैं और करीब हो रहे हैं। दोनों बिना बात किये अब रह नहीं सकते...।। To be continue........
वीर कहता हैं -
"मुलाकात पहली थी, आंखों ही आंखों में बात हो गई...
आप कब इतने करीब आ गये पता ही ना चला" ।।

